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भारी स्कूल बैग बच्चों के लिए खतरा

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 भारी स्कूल बैग बच्चों के लिए खतरा    **नई दिल्ली, 31 अगस्त:**   स्कूलों में बच्चों पर भारी बैग का बोझ उनकी सेहत बिगाड़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे की उम्र और वजन के हिसाब से उसका स्कूल बैग 10 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए, लेकिन फिलहाल कई बच्चों को 25-30 प्रतिशत तक का बोझ ढोना पड़ रहा है।   इससे बच्चों में पीठ और कमर दर्द, झुककर चलना, थकान व पढ़ाई में मन न लगने जैसी समस्याएँ सामने आ रही हैं।   सरकार और शिक्षा विभाग ने स्कूलों को बैग हल्के कराने के निर्देश दिए हैं। डिजिटल पढ़ाई, दिनवार टाइमटेबल और स्कूल लॉकर जैसी पहल की जा रही है।   विशेषज्ञों का कहना है कि अभिभावक भी रोज़ बच्चों का बैग जांचें और स्कूल सिर्फ जरूरी किताबें ही लाने की व्यवस्था करें।   👉 जुड़ें और अपडेट पाएं: 🔗 WhatsApp Group 🔗 Telegram Channel 🔗 Facebook Page 🔗 हमारी वेबसाइट पर पूरी खबरें पढ़ें: Desh Darpan News 📩 हमें ईमेल करें: deshdarpannews1@gmail.com 📣 प्रिय अभिभावकगण, क्या ...

⚠️ भारी स्कूल बैग के कारण बच्चों को हुई समस्याएँ – केस व अध्ययन

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  भारी स्कूल बैग के कारण बच्चों को होनेवाली   - केस स्टडी 1. 28 किलो की बच्ची पर 6.5 किलो के बैग (लगभग 24%) का प्रभाव लखनऊ की 10 वर्षीय कक्षा 5 की छात्रा रिया शर्मा का मामला विशेष रूप से चिंताजनक है। मात्र 28 किलो वजन होने के कारण, उसे रोज़ाना 6.5 किलो का बैग ढोना पड़ता था - जिसके कारण उसके कंधे रगड़ खाते थे, वह आगे की ओर झुककर चलती थी, और उसकी पीठ और मांसपेशियों पर अत्यधिक दबाव पड़ता था। अंततः, केजीएमयू के डॉक्टरों ने बैग के वजन को सीधे तौर पर इसके लिए ज़िम्मेदार पाया। 2. ग्यारह  वर्षीय रवि की रिपोर्ट रवि मिश्रा (11 वर्ष) को लगातार पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने लगा और सीढ़ियाँ चढ़ने में कठिनाई होने लगी - भारी बैग (लगभग 7 किलो) के कारण उसकी रीढ़ की हड्डी में असंतुलन पैदा हो गया। 3. स्कोलियोसिस, मांसपेशियों में सूजन, दर्द केजीएमयू के अध्ययन में पाया गया कि भारी बैग (बच्चे के वजन का 10-15% से ज़्यादा) स्कोलियोसिस, मांसपेशियों में सूजन, पीठ-कंधे-गर्दन दर्द जैसी समस्याएँ पैदा कर सकता है। भारी बैग वाले छात्रों में पीठ दर्द होने की संभावना 50% ज़्यादा थी। ...

🎒 बच्चों के भारी स्कूल बैग: एक खामोश खतरा, जिसे अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता 🏫

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🎒 बच्चों के भारी स्कूल बैग: एक खामोश खतरा, जिसे अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता 🏫 📌  हर सुबह जब हमारा बच्चा स्कूल के लिए तैयार होता है, तो हम बस उसकी यूनिफॉर्म, टिफिन और समय पर बस पकड़ने की चिंता करते हैं... पर क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि उसके नन्हे कंधों पर लटक रहा स्कूल बैग कितना भारी है? यह सिर्फ किताबों से भरा बैग नहीं है — यह एक ऐसा खामोश बोझ है जो हमारे बच्चों के शरीर और मन दोनों पर बुरा असर डाल रहा है। और दुख की बात ये है कि हममें से ज़्यादातर लोग इसे अब भी सामान्य मानते हैं। ⚠️ भारी स्कूल बैग से बच्चों को होने वाली समस्याएं: 1. रीढ़ की हड्डी में झुकाव या दर्द 2. कंधों और गर्दन में तनाव और अकड़न 3. मांसपेशियों में खिंचाव और पीठ दर्द 4. शारीरिक विकास में बाधा और थकावट 5. मानसिक चिड़चिड़ापन और पढ़ाई से अरुचि 6. बच्चों की लंबाई और पोस्चर पर गलत प्रभाव 🏛️ भारत सरकार और NCERT के दिशा-निर्देश : भारत सरकार ने NCERT की सिफारिशों के अनुसार स्कूल बैग के वजन को लेकर निम्नलिखित नियम बनाए हैं: 🧒 कक्षा ⚖️ अधिकतम बैग वजन 1 से 2  - 1.5 किलोग्राम 3 से 5  - 2 से 3 किलोग्राम 6 ...