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शिक्षा से जुड़ी ताज़ा और उपयोगी खबरें

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शिक्षा में नए आयाम: समावेशिता, नवाचार और अवसरों की ओर कदम 📌 प्रयागराज: दृष्टिहीन छात्रों के लिए Braille डिवाइस प्रयागराज के सरकारी स्कूलों में दृष्टिहीन छात्रों के लिए Annie Braille डिवाइस शुरू की गई है। यह गेम-आधारित शिक्षण और ऑडियो सपोर्ट के साथ टाइपिंग व रीडिंग आसान बनाती है। इससे सीखना मज़ेदार हुआ है और बच्चे आत्मनिर्भर हो रहे हैं। --- 📌 IIT बॉम्बे की WINGS स्कॉलरशिप IIT बॉम्बे ने महिला छात्रों के लिए WINGS (Women INspiring Growth in STEM) स्कॉलरशिप योजना लॉन्च की है। 2026-27 से STEM कोर्स में नामांकन करने वाली छात्राओं की पूरी ट्यूशन फीस माफ होगी। ग्रामीण और पिछड़े इलाकों की लड़कियों के लिए यह बड़ा अवसर है। --- 📌 केरल का UGC ड्राफ्ट फ्रेमवर्क पर विरोध केरल सरकार ने UGC का नया UG फ्रेमवर्क अस्वीकार कर दिया है। सरकार का कहना है कि यह “बहुत पश्चिमी मॉडल” है और विश्वविद्यालयों की स्वतंत्रता को सीमित करता है। इस बहस ने उच्च शिक्षा की दिशा को लेकर नए सवाल खड़े किए हैं। --- 📌 SNDT यूनिवर्सिटी, मुंबई में नामांकन में बढ़ोतरी SNDT महिला विश्वविद्यालय में इस साल 90,000 से अधि...

बीएचयू परिसर में एंटी-रैगिंग डे पर कई कार्यक्रम, छात्रों में जागरूकता अभियान शुरू

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बीएचयू परिसर में एंटी-रैगिंग डे पर कई कार्यक्रम, छात्रों में जागरूकता अभियान शुरू वाराणसी: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आईएमएस-बीएचयू) के एंटी-रैगिंग दस्तों ने मंगलवार को राष्ट्रीय एंटी-रैगिंग डे के अवसर पर विशेष अभियान की शुरुआत की। इस अभियान का उद्देश्य छात्रों को रैगिंग के दुष्प्रभाव और इसके कानूनी प्रावधानों के बारे में जागरूक करना है। कार्यक्रम की थीम थी "जीरो टॉलरेंस टू रैगिंग – एक सुरक्षित कैंपस का निर्माण", जिसमें छात्रों से आपसी सम्मान और सहयोग बनाए रखने की अपील की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रो. ललित मोहन अग्रवाल ने किया और छात्रों से मिलजुल कर सुरक्षित माहौल बनाने का आग्रह किया। आईएमएस-बीएचयू के निदेशक प्रो. एस.एन. संखवार ने कहा कि रैगिंग अनुशासनहीनता को बढ़ावा देती है और शैक्षणिक विकास में बाधा डालती है। डॉ. संजय गुप्ता, डीन ऑफ फैकल्टी ऑफ मॉडर्न मेडिसिन, ने ऐसे मामलों की तुरंत रिपोर्टिंग की आवश्यकता पर जोर दिया। अभियान के दौरान नारे लेखन, निबंध प्रतियोगिता, पोस्टर मेकिंग, फोटोग्राफी, लोगो डिजाइन, रैली, नुक्कड़ नाट...

🎒 बच्चों के भारी स्कूल बैग: एक खामोश खतरा, जिसे अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता 🏫

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🎒 बच्चों के भारी स्कूल बैग: एक खामोश खतरा, जिसे अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता 🏫 📌  हर सुबह जब हमारा बच्चा स्कूल के लिए तैयार होता है, तो हम बस उसकी यूनिफॉर्म, टिफिन और समय पर बस पकड़ने की चिंता करते हैं... पर क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि उसके नन्हे कंधों पर लटक रहा स्कूल बैग कितना भारी है? यह सिर्फ किताबों से भरा बैग नहीं है — यह एक ऐसा खामोश बोझ है जो हमारे बच्चों के शरीर और मन दोनों पर बुरा असर डाल रहा है। और दुख की बात ये है कि हममें से ज़्यादातर लोग इसे अब भी सामान्य मानते हैं। ⚠️ भारी स्कूल बैग से बच्चों को होने वाली समस्याएं: 1. रीढ़ की हड्डी में झुकाव या दर्द 2. कंधों और गर्दन में तनाव और अकड़न 3. मांसपेशियों में खिंचाव और पीठ दर्द 4. शारीरिक विकास में बाधा और थकावट 5. मानसिक चिड़चिड़ापन और पढ़ाई से अरुचि 6. बच्चों की लंबाई और पोस्चर पर गलत प्रभाव 🏛️ भारत सरकार और NCERT के दिशा-निर्देश : भारत सरकार ने NCERT की सिफारिशों के अनुसार स्कूल बैग के वजन को लेकर निम्नलिखित नियम बनाए हैं: 🧒 कक्षा ⚖️ अधिकतम बैग वजन 1 से 2  - 1.5 किलोग्राम 3 से 5  - 2 से 3 किलोग्राम 6 ...