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SIR फॉर्म भरने से जुड़ी आम जनता के महत्वपूर्ण सवाल और उनके कानूनी जवाब

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SIR फॉर्म भरने से जुड़ी आम जनता के महत्वपूर्ण सवाल और उनके कानूनी जवाब 1. SIR फॉर्म क्या है और इसे भरना क्यों अनिवार्य माना जाता है? SIR (Special Intensive Revision) चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची को पूर्ण रूप से अपडेट करने की विशेष प्रक्रिया है। इससे मृतक मतदाताओं के नाम हटाए जाते हैं, पुरानी गलतियाँ सुधारी जाती हैं और नए योग्य मतदाताओं के नाम जोड़े जाते हैं। इसलिए सभी मतदाताओं—नए और पुराने—को फॉर्म भरने की सलाह दी जाती है। --- 2. क्या पुराने मतदाताओं को भी SIR फॉर्म भरना ज़रूरी है? हाँ। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि पहले से मौजूद मतदाता ( Existing Voters ) को भी यह फॉर्म भरना आवश्यक है ताकि रिकॉर्ड पूरी तरह अपडेट रहे। --- 3. SIR फॉर्म भरने के लिए कौन-कौन से दस्तावेज़ जरूरी हैं? ECI के अनुसार— पहचान एवं पते से जुड़े दस्तावेज़ दावा-आपत्ति ( Claim & Objection ) चरण में भी जमा किए जा सकते हैं। यदि नाम पुराने मतदाता रिकॉर्ड में मौजूद है, तो कई मामलों में अतिरिक्त दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं पड़ती। आधार ( Aadhaar ) पहचान प्रमाण के रूप में मान्य है, लेकिन यह नागरिकता या न...

उत्तर प्रदेश में 5000 सरकारी डॉक्टरों की भारी कमी, हाईकोर्ट ने मांगा जिला-वार ब्यौरा — 2 महीने बाद होगी अगली सुनवाई

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📰  उत्तर प्रदेश में 5000 सरकारी डॉक्टरों की भारी कमी, हाईकोर्ट ने मांगा जिला-वार ब्यौरा — 2 महीने बाद होगी अगली सुनवाई --- 🗞️  इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी पर जताई गंभीर चिंता, सरकार को विस्तृत शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश। --- 📍स्थान: लखनऊ | स्रोत: Desh Darpan News / Times of India Report --- मुख्य समाचार (Main News): इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में करीब 5,000 डॉक्टरों की कमी पर गहरी चिंता व्यक्त की है। न्यायालय ने राज्य सरकार से कहा है कि वह जिला-वार विस्तृत रिपोर्ट पेश करे, जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि प्रदेश के किन जिलों में कितने डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ तैनात हैं तथा कितने पद रिक्त पड़े हैं। न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इतने बड़े राज्य में नागरिकों के स्वस्थ जीवन के लिए योग्य डॉक्टरों की पर्याप्त उपलब्धता अत्यंत आवश्यक है। अदालत ने कहा कि इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि प्रदेश में कम से कम पाँच हज़ार सरकारी डॉक्टरों की कमी बनी हुई है, जो स...

मिर्जापुर में बिना पंजीकरण के 4 अस्पताल सील, स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई

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मिर्जापुर में बिना पंजीकरण के 4 अस्पताल सील, स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई 📄  DESH DARPAN NEWS | मिर्जापुर। जमालपुर क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार अस्पतालों को सील कर दिया। ये सभी अस्पताल बिना पंजीकरण के संचालित हो रहे थे। यह कार्रवाई मंगलवार को सीएमओ के निर्देश पर एसीएमओ डॉ. अवधेश सिंह की अगुवाई में की गई। मामला तब सामने आया जब रीवा निवासी विजय कुमार ने 2 अगस्त को चुनार में आयोजित तहसील समाधान दिवस में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि सिकंदरपुर स्थित सुंदर हॉस्पिटल के चिकित्सक ने उनकी पत्नी का डिलीवरी के दौरान बिना सहमति ऑपरेशन कर दिया। शिकायत मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके पर जांच की। जांच में पाया गया कि सुंदर हॉस्पिटल बिना पंजीकरण के चल रहा था। इसके बाद टीम ने मौके पर अस्पताल को सील कर दिया। साथ ही बिक्सी चट्टी स्थित काव्या हॉस्पिटल, सृजन हॉस्पिटल और जनता हॉस्पिटल को भी बिना पंजीकरण के संचालित पाए जाने पर सील किया गया। इस कार्रवाई में सीएचसी के डॉ. राहुल कपूर, उप जिला स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी नवनीत सिंह और अनुज वर्मा मौजूद रह...