उत्तर प्रदेश में 5000 सरकारी डॉक्टरों की भारी कमी, हाईकोर्ट ने मांगा जिला-वार ब्यौरा — 2 महीने बाद होगी अगली सुनवाई
📰
उत्तर प्रदेश में 5000 सरकारी डॉक्टरों की भारी कमी, हाईकोर्ट ने मांगा जिला-वार ब्यौरा — 2 महीने बाद होगी अगली सुनवाई
---
🗞️
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी पर जताई गंभीर चिंता, सरकार को विस्तृत शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश।
---
📍स्थान: लखनऊ | स्रोत: Desh Darpan News / Times of India Report
---
मुख्य समाचार (Main News):
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में करीब 5,000 डॉक्टरों की कमी पर गहरी चिंता व्यक्त की है। न्यायालय ने राज्य सरकार से कहा है कि वह जिला-वार विस्तृत रिपोर्ट पेश करे, जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि प्रदेश के किन जिलों में कितने डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ तैनात हैं तथा कितने पद रिक्त पड़े हैं।
न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इतने बड़े राज्य में नागरिकों के स्वस्थ जीवन के लिए योग्य डॉक्टरों की पर्याप्त उपलब्धता अत्यंत आवश्यक है। अदालत ने कहा कि इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि प्रदेश में कम से कम पाँच हज़ार सरकारी डॉक्टरों की कमी बनी हुई है, जो स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को प्रभावित कर रही है।
---
कोर्ट का निर्देश:
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह एक बेहतर शपथ पत्र (affidavit) दाखिल करे, जिसमें शामिल हों:
सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों की कुल संख्या,
स्वीकृत पदों की स्थिति,
वास्तविक रूप से कार्यरत डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या,
प्रत्येक जिले के अनुसार विस्तृत विवरण,
और रिक्त पदों के कारणों का उल्लेख।
कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य को स्वास्थ्य क्षेत्र में रिक्तियों की भर्ती शीघ्र पूरी करनी चाहिए ताकि आम जनता को समय पर चिकित्सा सुविधा मिल सके।
---
सरकारी आँकड़े और वास्तविक स्थिति:
राज्य सरकार द्वारा हाल ही में प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, Provincial Medical Health Services (PMHS) में कुल 19,659 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से केवल 14,213 डॉक्टर कार्यरत हैं। यानी करीब 5,000 पद रिक्त हैं।
इस पर न्यायालय ने कहा कि यह स्थिति “जनस्वास्थ्य के लिए चिंताजनक” है और सरकार को गंभीरता से सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है।
---
अगली सुनवाई:
न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई दो महीने बाद निर्धारित की है और तब तक राज्य सरकार से विस्तृत जिला-वार डेटा प्रस्तुत करने की अपेक्षा की है।
---
न्यायालय की टिप्पणी:
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि —
> “राज्य की जिम्मेदारी है कि हर नागरिक को मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराए जाएँ। डॉक्टरों की कमी न केवल सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था को कमजोर करती है, बल्कि यह जनहित के विरुद्ध भी है।”
--
---
Website:https://www.deshdarpannews.com/
Source:
Times of India – “HC demands data on healthcare gaps”
🔗 https://timesofindia.indiatimes.com/city/lucknow/hc-demands-data-on-healthcare-gaps/articleshow/124536449.cms
👉 जुड़ें और अपडेट पाएं:
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें