जिला स्तर के अस्पतालों में ICU-सुविधाएँ बढ़ीं


📰 खबर 1: जिला स्तर के अस्पतालों में ICU-सुविधाएँ बढ़ीं


राज्य सरकार ने 40 जिलों के अस्पतालों में ICU (इंटेंसिव केयर यूनिट) चालू की हैं — जिससे गम्भीर रोगियों को अब बड़े शहरों तक नहीं जाना पड़ रहा है। 

यह बदलाव ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में काफी मायने रखता है, जहाँ पहले मर जा ने-वाले रोगियों को इलाज के लिए बहुत दूरी तय करनी पड़ती थी।

साथ में, प्रशिक्षित स्टाफ, वेंटिलेटर, मॉनिटरिंग उपकरण आदि की उपलब्धता बढ़ाई गई है। 

यह सुधार ऐसा बदलाव है जो सबके लिए स्वास्थ्य-सुविधा में सहजता बढ़ाता है — खासकर उन परिवारों के लिए जिनके पास शहर-इलाज का खर्च नहीं है।



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📰 खबर 2: ग्रामीण व शहरी दोनों इलाकों में निःशुल्क टीकाकरण में बढ़ोतरी

उप्र में शहरी क्षेत्रों में नियमित टीकाकरण की दर पिछले दो साल में लगभग 22.6 % बढ़ी है। 

सरकार ने 7-दिन / सप्‍ताह में टीकाकरण सुविधा शुरू की थी — जिसका असर दिख रहा है। 

इस तरह की पहल बच्चों को बचपन से ही जानलेवा रोगों से सुरक्षित रखने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

इसके अलावा, राज्य में “Zero Dose” अभियान भी चल रहा है — जिसमें वे बच्चे-परिवार चिन्हित हो रहे हैं जिन्हें अब तक कोई टीका नहीं मिला। 



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📰 खबर 3: गांव-और-छोटे कस्बों में टेलीमेडिसिन-सेवा का प्रसार

राज्य सरकार ने लगभग 972 अध्याय स्वास्थ्य केंद्रों (CHCs) में टेलीमेडिसिन-सेवा शुरू करने की योजना बनाई है — ताकि विशेषज्ञ डॉक्टर गाँव-कस्बों तक पहुँच सकें। 

इस व्यवस्था में ग्रामीण डॉक्टर स्थानीय केंद्र पर मरीज देखें — उसके बाद विशेषज्ञ डॉक्टर वीडियो/ऑनलाइन माध्यम से सलाह देंगे।

इससे बदलाव यह है कि » अब मरीजों को दूर शहर-इल्लाके नहीं जाना पड़ेगा, समय और खर्च दोनों बचेंगे।

यह खास तौर पर उन परिवारों के लिए उपयोगी होगा जिनके लिए लंबी दूरी तय करना मुश्किल है।



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📰 खबर 4: चिकित्सा-शिक्षण व कॉलेज-इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव

उप्र में अब तक लगभग 80 मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं — जिनमें 44 सरकारी और 36 निजी हैं। 

इससे मेडिकल शिक्षा व डॉक्टर-संख्या में वृद्धि हुई है, जो कि स्वास्थ्य-सेवाओं को बेहतर करने का मूल आधार है।

इसके साथ ही नर्सिंग व पैरामेडिकल शिक्षा में सीटें बढ़ाई जा रही हैं। 

यह सिर्फ चिकित्सा-उपचार तक सीमित नहीं है — बल्कि स्वास्थ्य-शिक्षा व उपलब्धता दोनों में सुधार की दिशा में है।



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📰 खबर 5: स्वास्थ्य-प्रविधि व रोग-निगरानी में डिजिटल बदलाव

उप्र सरकार ने अस्पताल स्टाफ के लिए एक महीने का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है — जिसके तहत डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड, निगरानी प्रणाली व स्वास्थ्य तकनीक-उपकरणों का प्रयोग सिखाया जा रहा है। 

इस प्रशिक्षण के बाद मरीजों की जानकारी (जैसे रिपोर्ट्स) मोबाइल या एसएमएस के माध्यम से देने का लक्ष्य है।

इससे प्रशासनिक कामकाज तेज होगा, अस्पताल में इंतजार कम होगा, और मरीजों को बेहतर अनुभव मिलेगा।

यह बदलाव उस दिशा में एक संकेत है जहां स्वास्थ्य-सेवाएं सिर्फ उपलब्ध हों ही नहीं, बल्कि सक्षम व पारदर्शी भी हों।



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