खतरनाक खांसी की दवा से मासूमों की मौत — मध्य प्रदेश में बड़ा खुलासा


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खतरनाक खांसी की दवा से मासूमों की मौत — मध्य प्रदेश में बड़ा खुलासा
स्रोत: NDTV, India Today, Times of India
प्रकाशक: www.deshdarpannews.com


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💊 घटना की शुरुआत

मध्य प्रदेश के उज्जैन, शिवपुरी और विदिशा जिलों में हाल ही में कई मासूम बच्चों की मौत के बाद हड़कंप मच गया। जांच में सामने आया कि इन मौतों का कारण एक विषैला खांसी का सिरप (Cough Syrup) था, जिसे स्थानीय डॉक्टरों ने बच्चों को खांसी और सर्दी के इलाज के लिए लिखा था।


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☠️ जिम्मेदार दवा और उसका निर्माता

जांच में दो ब्रांड सामने आए —






दोनों दवाएं Digital Vision Pharma, सोलन (हिमाचल प्रदेश) की कंपनी द्वारा बनाई गई थीं। कंपनी का पूरा नाम Digital Vision Pharma Pvt. Ltd., पत्ता — Village Moginand, Nahan, District Sirmaur, Himachal Pradesh – 173030 बताया गया है।


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⚗️ खतरनाक तत्व — Diethylene Glycol (DEG)

प्रयोगशाला जांच में पाया गया कि इन सिरप में Diethylene Glycol (DEG) की खतरनाक मात्रा मौजूद थी, जो सामान्यतः दवा में 0.1% से कम होनी चाहिए, जबकि इसमें 10 गुना अधिक  पाई गई।
DEG एक औद्योगिक केमिकल है जो ब्रेक फ्लूड और पेंट में उपयोग होता है, लेकिन यह मानव शरीर के लिए घातक ज़हर है।


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👶 पीड़ित और स्थान

अब तक 11 बच्चों की मौत की पुष्टि की गई है —

उज्जैन: 6 बच्चे

विदिशा: 3 बच्चे

शिवपुरी: 2 बच्चे


सभी बच्चों को एक ही सरकारी डॉक्टर द्वारा Coldrif syrup और Respifresh syrup लिखी गई थी।


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👨‍⚕️ डॉक्टर और दवा वितरण

स्थानीय स्तर पर इन सिरप को सरकारी अस्पताल की फार्मेसी से वितरित किया गया था। फिलहाल संबंधित डॉक्टर और फार्मासिस्ट से पूछताछ चल रही है।


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⚖️ सरकारी कार्रवाई

मध्य प्रदेश सरकार ने इन दोनों सिरप की बिक्री पर तुरंत रोक लगा दी है।

कंपनी Digital Vision Pharma Pvt. Ltd. का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया है।

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने पूरे देश में इन बैचों को वापस बुलाने (Recall) का आदेश जारी किया है।

दोषी अधिकारियों और डॉक्टरों पर FIR दर्ज की जा रही है।



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📊 निष्कर्ष

यह मामला भारत में दवाओं की गुणवत्ता नियंत्रण पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बैच की टेस्टिंग समय पर की जाती, समस्या से बचने में सक्षम थे 

सरकार को चाहिए कि सभी राज्य स्तर पर बनी और वितरित दवाओं की सख्त क्वालिटी टेस्टिंग नीति लागू करे ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।


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