उत्तर प्रदेश में 2025 में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, नई आयुष टेलीमेडिसिन सेवा, दवा गुणवत्ता पर सख्ती और डेंगू-मलेरिया नियंत्रण में सफलता।
**उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा सुधार: नई आयुष टेलीमेडिसिन सुविधा, दवा गुणवत्ता पर सख्ती और ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत स्वास्थ्य ढांचा**
**लखनऊ, 26 अक्टूबर 2025:**
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस हफ्ते राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने दवा नियमन प्रणाली में सुधार, 24x7 आयुष टेलीमेडिसिन सेवा शुरू करने और ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों की सुविधाओं को डिजिटल तरीके से जोड़ने की दिशा में काम तेज़ किया है।
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### दवा नियमन प्रणाली में बड़ा सुधार
मुख्यमंत्री ने प्रदेशभर में नकली और निम्न गुणवत्ता वाली दवाओं की रोकथाम के लिए ड्रग रेगुलेशन सिस्टम को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाने के आदेश दिए हैं। अब हर जिले में **जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी** (District Drug Control Officer) तैनात किया जाएगा और दवा निरीक्षकों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा औषधि भंडारण और वितरण पर निगरानी के लिए नई मोबाइल ऐप आधारित रिपोर्टिंग प्रणाली लागू की जा रही है [11]।
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### 24x7 आयुष टेलीमेडिसिन सेवा होगी शुरू
प्रदेश सरकार की नई हेल्थ परियोजना के तहत **24x7 आयुष टेलीमेडिसिन सेवा** लॉन्च की जा रही है। इस सेवा के ज़रिए मरीज घर बैठे ही आयुर्वेद, योग, होम्योपैथी और यूनानी विशेषज्ञों से वीडियो कॉल या चैट पर परामर्श प्राप्त कर सकेंगे। स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि यह सेवा विशेष रूप से ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले नागरिकों के लिए मददगार होगी, जहां प्रत्यक्ष इलाज सीमित है [12]।
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### नवजात शिशुओं के टीकाकरण की निगरानी होगी डिजिटल
उत्तर प्रदेश में नवजात बच्चों के टीकाकरण को और सुनियोजित बनाने के लिए **U-WIN डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म** लागू किया गया है। इसके माध्यम से हर बच्चे का जन्म से लेकर पाँच वर्ष की उम्र तक का टीकाकरण रिकॉर्ड ऑनलाइन दर्ज होगा। निजी अस्पतालों में जन्म लेने वाले बच्चों को भी तुरंत सरकारी टीकाकरण अभियान से जोड़ा जा रहा है, ताकि कोई बच्चा छूट न जाए
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### अयोध्या दीपोत्सव के लिए अस्थायी अस्पताल
आगामी अयोध्या दीपोत्सव को देखते हुए सरकार ने **15 अस्थायी अस्पतालों** की स्थापना की है। इन अस्पतालों में आपातकालीन चिकित्सा, पैरामेडिकल स्टाफ और एम्बुलेंस 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी इन्हें त्योहार के दौरान "हेल्थ रिस्पॉन्स यूनिट्स" के रूप में संचालित करेंगे, ताकि किसी भी भीड़भाड़ या आपदा की स्थिति में त्वरित स्वास्थ्य सहायता मिल सके
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### डेंगू और मलेरिया पर नियंत्रण
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल डेंगू और मलेरिया मामलों में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग **50% कमी** दर्ज की गई है। लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर और वाराणसी में नियमित फॉगिंग अभियान और बारिश के बाद जलजमाव नियंत्रण से मच्छरजनित रोगों पर प्रभावी रोक लगी है। पर्यावरणीय बदलावों के कारण इस बार डेंगू मच्छर के प्रजनन दर में भी गिरावट देखी गई है
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### स्वास्थ्य संरचना में बड़े बदलाव
राज्य सरकार ने पिछले वर्षों में **22,000 से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को “आयुष्मान आरोग्य मंदिर” में अपग्रेड** किया है, जहां 50 से अधिक रोगों की मुफ्त दवाइयाँ और 14 प्रकार की पैथोलॉजी जांचें नि:शुल्क की जाती हैं। इसके साथ ही प्रदेश में **80 मेडिकल कॉलेज** सक्रिय हैं, जिनमें 44 सरकारी और 36 निजी हैं। इस वित्तीय वर्ष में तीन और नए मेडिकल कॉलेज संभल, महाराजगंज और शामली में खोले गए हैं
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### निचोड़
उत्तर प्रदेश की नई स्वास्थ्य नीतियाँ केवल इलाज तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे डिजिटल हेल्थ नेटवर्क, पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा को साथ लेकर चल रही हैं। उद्देश्य यह है कि हर जिले में लोगों को गुणवत्तापूर्ण, सुलभ और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएँ मिलें — चाहे वे शहरी केंद्रों में हों या ग्रामीण इलाकों में।
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