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भारतीय संविधान के चार स्तंभ: वर्तमान दौर में लोकतंत्र की असली ताकत

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भारतीय संविधान के चार स्तंभ: वर्तमान दौर में लोकतंत्र की असली ताकत नई दिल्ली | विशेष लेख भारत का संविधान देश को लोकतांत्रिक तरीके से चलाने की मजबूत नींव देता है। लोकतंत्र को संतुलित और प्रभावी बनाए रखने के लिए संविधान के अंतर्गत तीन औपचारिक अंग बताए गए हैं, लेकिन व्यवहार में चार स्तंभों—विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया—को भारतीय लोकतंत्र की रीढ़ माना जाता है। वर्तमान समय में इन चारों स्तंभों की भूमिका और जिम्मेदारी पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। विधायिका: कानून बनाने वाली संस्था विधायिका का मुख्य काम कानून बनाना और सरकार के कामकाज पर नजर रखना है। संसद (लोकसभा और राज्यसभा) और राज्य विधानसभाएँ इसके अंतर्गत आती हैं। आज के समय में विधायिका से यह अपेक्षा की जाती है कि वह जनहित से जुड़े मुद्दों पर खुली बहस करे और जनता की आवाज़ को सही तरीके से उठाए। हालांकि, कई बार संसद में चर्चा का स्तर और विपक्ष की भूमिका को लेकर सवाल भी उठते हैं। कार्यपालिका: शासन को लागू करने वाली शक्ति कार्यपालिका विधायिका द्वारा बनाए गए कानूनों को जमीन पर लागू करती है। राष्ट्रपति, प्रधानम...

आज की बड़ी खबरें: Mirzapur व उत्तर प्रदेश

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📰 आज की बड़ी खबरें: Mirzapur व उत्तर प्रदेश  1️⃣ Mirzapur: जिला अस्पताल में डेंगू निगरानी बढ़ी मिर्ज़ापुर जिले में बदलते मौसम के कारण डेंगू के मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। जिला अस्पताल में मरीजों की स्क्रीनिंग बढ़ा दी गई है और सभी PHC–CHC को निर्देश जारी किए गए हैं कि बुखार के हर मरीज की जांच अनिवार्य करें। नगर क्षेत्र में फॉगिंग और एंटी-लार्वा दवाइयों का छिड़काव भी तेज किया जा रहा है। --- 2️⃣ Mirzapur: ठंड बढ़ने से अस्पतालों में वायरल मरीजों की संख्या बढ़ी जिले में तापमान में गिरावट के बाद वायरल बुखार और खांसी-जुकाम के मरीजों की संख्या बढ़ी है। डॉक्टरों ने मास्क, गर्म कपड़े और भीड़भाड़ से बचने की सलाह दी है। बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। --- 3️⃣ Mirzapur: स्कूलों में Mid-Day Meal की गुणवत्ता चेक करने का आदेश बीएसए मिर्ज़ापुर ने सभी ब्लॉकों में MDM निरीक्षण के आदेश जारी किए हैं। स्कूल प्रधानाध्यापकों को भोजन की गुणवत्ता, साफ-सफाई और पोषण मानकों को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट दैनिक आधार पर अपलोड होगी। --- ...

उत्तर प्रदेश शिक्षा जगत की बड़ी खबरें: अवकाश घोषणा, MLC शिक्षक चुनाव, मदरसा जांच और बोर्ड परीक्षा तैयारी — इस सप्ताह की पूरी रिपोर्ट

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🟦  उत्तर प्रदेश शिक्षा जगत की बड़ी खबरें: अवकाश घोषणा, MLC शिक्षक चुनाव, मदरसा जांच और बोर्ड परीक्षा तैयारी — इस सप्ताह की पूरी रिपोर्ट DESH DARPAN NEWS   1️⃣ उत्तर प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र की हलचल तेज — पूरे सप्ताह रहीं प्रमुख गतिविधियाँ उत्तर प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में इस सप्ताह कई महत्वपूर्ण घटनाएँ सामने आईं, जिनका सीधा असर छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों पर पड़ा। राज्यभर के विद्यालयों में शैक्षणिक और प्रशासनिक गतिविधियों को लेकर चर्चा का माहौल रहा। 2️⃣ 25 नवंबर को राज्यव्यापी स्कूल-कॉलेज बंद — शहीदी दिवस पर सरकारी अवकाश सप्ताह की सबसे बड़ी खबर यह रही कि प्रदेश सरकार ने 25 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया। इस दिन सभी सरकारी और मान्यता प्राप्त स्कूल तथा कॉलेज बंद रहे। यह अवकाश गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत वर्षगांठ पर श्रद्धांजलि के रूप में रखा गया। पहले अवकाश 24 नवंबर को प्रस्तावित था, लेकिन बाद में तिथि बदल दी गई। इससे छात्रों की कक्षाओं और परीक्षाओं के कार्यक्रम में बदलाव करना पड़ा। 3️⃣ MLC शिक्षक निर्वाचन को लेकर तैयारियाँ तेज — शिक्षकों से मतदाता ...

Waqf Amendment Act 2025: सरकार ने वक्फ़ कानून में क्या-क्या बड़े बदलाव किए?

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Waqf Amendment Act 2025 : सरकार ने वक्फ़ कानून में क्या-क्या बड़े बदलाव किए? पूरा विवरण केंद्र सरकार ने Waqf Act में क्या बदलाव किए? — विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार ने Waqf Act, 1995 में बड़े बदलाव करते हुए Waqf (Amendment) Act, 2025 लागू किया है। इस नए संशोधन का उद्देश्य वक्फ़ संपत्तियों का सही रिकॉर्ड तैयार करना, विवाद कम करना और प्रबंधन को अधिक पारदर्शी बनाना है। DESH DARPAN NEWS आपको आसान भाषा में समझा रहा है कि इस कानून में क्या महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं। --- 1. वक्फ़ भूमि की पहचान के नियम बदल गए जिन सरकारी जमीनों को पहले गलती से वक्फ़ दर्ज कर लिया गया था, उन्हें अब वक्फ़ नहीं माना जाएगा। अब वक्फ़ घोषित करने का अधिकार वक्फ़ बोर्ड के पास नहीं रहेगा। वक्फ़ संपत्तियों की पहचान और सर्वे का काम अब जिला कलेक्टर या उनके द्वारा नियुक्त अधिकारी करेंगे। "Waqf by User" यानी केवल उपयोग के आधार पर वक्फ़ मानने की सुविधा समाप्त कर दी गई है। --- 2. वक्फ़ बोर्ड की संरचना में बड़ा परिवर्तन अब वक्फ़ बोर्ड और Central Waqf Council में गैर-मुस्लिम सदस्यों को भी शामिल किया ...
केंद्र सरकार का वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुका है और अब यह वक्फ अधिनियम 1995 में व्यापक बदलाव करते हुए देशभर में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन की व्यवस्था को नया रूप देता है। सरकार इसे पारदर्शिता, जवाबदेही और वक्फ संपत्तियों के बेहतर उपयोग की दिशा में बड़ा सुधार बता रही है, जबकि विपक्ष और मुस्लिम संगठन इसे धार्मिक व प्रबंधकीय अधिकारों में दखल के रूप में देख रहे हैं।   कानून क्या कहता है ! राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद संशोधित कानून का नाम “एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम 1995 (UWMEED Act 1995)” रखा गया है, जिसका मकसद वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन, रिकॉर्ड‑कीपिंग और ऑडिट को आधुनिक व टेक्नोलॉजी‑आधारित बनाना है। सरकार ने आधिकारिक नोट में कहा है कि सभी वक्फ संपत्तियों का अनिवार्य पंजीकरण, डिजिटल/केंद्रीय रजिस्टर और नियमित ऑडिट से बेनामी दावे और भ्रष्टाचार कम होंगे और असली लाभार्थियों तक फायदा पहुंचेगा।   मुख्य प्रावधान (Details) - “वक्फ बाय यूज़र” की अवधारणा भविष्य के मामलों के लिए समाप्त की गई है, यानी केवल लंबे समय से...
वक्फ़ (संशोधन) बिल 2025 – भारत में वक्फ़ प्रबंधन में बड़े सुधार लेबल्स: वक्फ़ कानून, वक्फ़ बोर्ड, वक्फ़ संपत्ति, वक्फ़ संशोधन, भारत सरकार, सामाजिक कल्याण परिचय  8 अगस्त 2024 को लोकसभा में वक्फ़ (संशोधन) बिल 2025 और मुस्लिम वक्फ़ (रद्द) बिल 2024 पेश किए गए। इनका उद्देश्य वक्फ़ बोर्ड के कामकाज को सुधारना और वक्फ़ संपत्तियों का सही प्रबंधन सुनिश्चित करना है। वक्फ़ (संशोधन) बिल 2025 का उद्देश्य 1995 के वक्फ़ कानून की कमियों को दूर करना। वक्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना। डिजिटल तकनीक के माध्यम से रजिस्ट्रेशन, सर्वे और ऑडिट की प्रक्रिया को आसान और तेज बनाना। मुख्य प्रशासनिक निकाय केंद्रीय वक्फ़ काउंसिल (CWC): नीतिगत सलाह देती है, सीधे संपत्तियों पर नियंत्रण नहीं। राज्य वक्फ़ बोर्ड (SWB): राज्य स्तर पर वक्फ़ संपत्तियों का प्रबंधन और सुरक्षा। वक्फ़ न्यायाधिकरण: वक्फ़ विवादों का विशेष न्यायिक समाधान। वर्तमान चुनौतियाँ वक्फ़ संपत्तियों का अपरिवर्तनीय होना। अवैध कब्जा और संपत्ति विवाद। रजिस्ट्रेशन और सर्वे मे...

वक्फ ट्रिब्यूनल में आवेदन करने के नियम | Rules for Application to Waqf Tribunal

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🟦 वक्फ ट्रिब्यूनल में आवेदन करने के नियम | Rules for Application to Waqf Tribunal 🟧 सुप्रीम कोर्ट की महत्वपूर्ण टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने कहा → “समय सीमा नहीं बढ़ेगी, जिन्हें समस्या है वे वक्फ ट्रिब्यूनल जाएँ। ट्रिब्यूनल वास्तविक मामलों को देखकर उचित आदेश पारित करेगा 📰 वक्फ ट्रिब्यूनल में आवेदन: जरूरी नियम और प्रक्रिया Waqf Amendment Act, 2025 के लागू होने के बाद वक्फ संपत्तियों का डिजिटल रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। यदि कोई Mutawalli , धर्मगुरु, बोर्ड सदस्य या संपत्ति धारक तकनीकी कारणों या विशेष परिस्थितियों के चलते UMEED Portal पर समय सीमा के भीतर विवरण अपलोड नहीं कर पाया, तो उसे अब वक्फ ट्रिब्यूनल में आवेदन करना आवश्यक है। सुप्रीम कोर्ट ने भी स्पष्ट कहा है कि समय सीमा बढ़ाने की गुंजाइश कोर्ट में नहीं है, राहत के लिए ट्रिब्यूनल जाएँ। 🟩 1. आवेदन कौन कर सकता है? (Eligibility) वक्फ ट्रिब्यूनल में आवेदन कर सकते हैं: वक्फ संपत्ति के Mutawalli (मुतवल्ली) वक्फ बोर्ड का अधिकृत प्रतिनिधि संपत्ति का देख-रेख करने वाला व्यक्ति कोई भी व्यक्ति जिसे संपत्ति से संबंधित कानूनी हित हो 🟩 ...

मिर्जापुर उत्तर प्रदेश की आज की सभी बड़ी–छोटी खबरें |

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मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश की 22 नवंबर 2025 की सभी ताज़ा खबरें एक ही जगह पढ़ें। राजनीति, प्रशासन, क्राइम, विकास, सामाजिक–धार्मिक कार्यक्रम और आम जनता से जुड़े हर अपडेट को आसान हिंदी में संक्षेप और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है।     राजनीति और प्रशासन     कछवां नगर पंचायत में बजट को लेकर विवाद, धोखे से पास कराने का आरोप   कछवां नगर पंचायत की बैठक में करीब 7 करोड़ रुपये से अधिक का बजट पास किया गया, लेकिन कुछ सभासदों ने आरोप लगाया कि उनकी सहमति के बिना बजट को मंजूरी दिखा दी गई। शिकायतकर्ता सभासद ने अधिशासी अधिकारी को पत्र देकर पूरी प्रक्रिया की जांच की मांग की है।   उद्यमियों की समस्याओं के त्वरित समाधान के निर्देश, मिर्जापुर को ‘टाउन ऑफ एक्सीलेंस’ में शामिल करने की मांग   मिर्जापुर में आयुक्त स्तर की बैठक में उद्योगपतियों और उद्यमियों ने बिजली, भूजल दोहन, अनुमति प्रक्रिया और निवेश मित्र पोर्टल से जुड़ी दिक्कतें रखीं। आयुक्त ने अधिकारियों को समयबद्ध समाधान के निर्देश दिए, जबकि उद्यमियों ने मिर्जापुर को ‘टाउन ऑफ एक्सील...

SIR फॉर्म भरने से जुड़ी आम जनता के महत्वपूर्ण सवाल और उनके कानूनी जवाब

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SIR फॉर्म भरने से जुड़ी आम जनता के महत्वपूर्ण सवाल और उनके कानूनी जवाब 1. SIR फॉर्म क्या है और इसे भरना क्यों अनिवार्य माना जाता है? SIR (Special Intensive Revision) चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची को पूर्ण रूप से अपडेट करने की विशेष प्रक्रिया है। इससे मृतक मतदाताओं के नाम हटाए जाते हैं, पुरानी गलतियाँ सुधारी जाती हैं और नए योग्य मतदाताओं के नाम जोड़े जाते हैं। इसलिए सभी मतदाताओं—नए और पुराने—को फॉर्म भरने की सलाह दी जाती है। --- 2. क्या पुराने मतदाताओं को भी SIR फॉर्म भरना ज़रूरी है? हाँ। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि पहले से मौजूद मतदाता ( Existing Voters ) को भी यह फॉर्म भरना आवश्यक है ताकि रिकॉर्ड पूरी तरह अपडेट रहे। --- 3. SIR फॉर्म भरने के लिए कौन-कौन से दस्तावेज़ जरूरी हैं? ECI के अनुसार— पहचान एवं पते से जुड़े दस्तावेज़ दावा-आपत्ति ( Claim & Objection ) चरण में भी जमा किए जा सकते हैं। यदि नाम पुराने मतदाता रिकॉर्ड में मौजूद है, तो कई मामलों में अतिरिक्त दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं पड़ती। आधार ( Aadhaar ) पहचान प्रमाण के रूप में मान्य है, लेकिन यह नागरिकता या न...

उत्तर प्रदेश में SIR के कानूनी नियम: मतदाता सूची संशोधन के लिए नई सख़्त गाइडलाइन जारी

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📰 उत्तर प्रदेश में SIR के कानूनी नियम: मतदाता सूची संशोधन के लिए नई सख़्त गाइडलाइन जारी 📌 SIR क्या है? SIR यानी Special Intensive Revision एक विशेष अभियान है जिसके तहत उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची को पूरी तरह अपडेट, सत्यापित और त्रुटियों से मुक्त किया जाता है। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी इस प्रक्रिया में पुराने नामों की जाँच, मृतक/स्थानांतरित मतदाताओं को हटाना और नए पात्र नागरिकों का नाम जोड़ना शामिल है। --- 📌 SIR के प्रमुख कानूनी-प्रक्रियात्मक नियम (UP-Specific) 1️⃣ निर्वाचन आयोग का आधिकारिक आदेश भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने यूपी सहित 12 राज्यों में SIR को अनिवार्य रूप से लागू किया है। इस प्रक्रिया को कानूनी वैधता Representation of the People Act, 1950 के Sections 21–23 के तहत प्राप्त है। --- 2️⃣ मतदाता सूची “Freezed List” से संशोधन की शुरुआत SIR शुरू होने से पहले उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची को फ्रीज़ (स्थिर) किया जाता है। इसका उद्देश्य है कि BLO घर-घर सर्वे उसी स्थिर सूची के आधार पर करें और किसी भी गलत जानकारी की पहचान आसानी से हो सके। --- 3️⃣ BLO की कानूनी जिम्मेदारियाँ BLO को ...

📰 आज की प्रमुख शिक्षा ख़बरें (भारत + उत्तर प्रदेश)

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📰 आज की प्रमुख शिक्षा ख़बरें (भारत + उत्तर प्रदेश) From the Desk of – DESH DARPAN NEWS Date: 14 नवंबर 2025 --- 1️⃣ दिल्ली स्कूलों में “Foundational Learning Period” शुरू दिल्ली सरकार ने कक्षा 2 से 8 तक एक नया ‘Foundational Learning Period’ शुरू किया है। इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों की पढ़ने, लिखने और गणित की बुनियादी क्षमता में सुधार करना है। SCERT द्वारा नए मॉड्यूल तैयार किए गए हैं और शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। बच्चे अब छोटे समूहों, गतिविधियों और प्रैक्टिकल लर्निंग के माध्यम से सीखेंगे। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। --- 2️⃣ उत्तर प्रदेश के 69,000 स्कूल विकसित भारत बिल्डाथॉन से जुड़े यूपी में शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 69,000 से अधिक विद्यालयों, 2.2 लाख छात्रों और 1.7 लाख शिक्षकों ने विकसित भारत बिल्डाथॉन में भाग लिया है। यह कार्यक्रम छात्रों में क्रिएटिव सोच, समस्या समाधान, डिजाइन और तकनीकी नवाचार को विकसित करने के लिए आयोजित किया जा रहा है। कक्षा 6–12 के छात्रों के लिए यह देश की सबसे बड़...

उत्तर प्रदेश में शिक्षक-अनुपस्थिति पर हाईकोर्ट की सख़्ती — “ठोस नीति लागू हो” निर्देश

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1) Headline: उत्तर प्रदेश में शिक्षक-अनुपस्थिति पर हाईकोर्ट की सख़्ती — “ठोस नीति लागू हो” निर्देश लखनऊ — राज्य के सरकारी विद्यालयों में शिक्षक-अनुपस्थिति की समस्या ने बच्चों के सीखने-के-हक को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि ऐसी लचर उपस्थिति प्रणाली बच्चों के संवैधानिक अधिकार को खतरे में डाल रही है।  न्यायमूर्ति Praveen Kumar Giri ने टिप्पणी की कि इंडिपेंडेंस के बाद से-से राज्य में प्रभावी उपस्थिति प्रणाली नहीं रही है, जिससे गरीब बच्चों का समय-सारयोग बुरी तरह प्रभावित हुआ है।  अभिभावकों तथा ग्रामीण इलाकों के लिए यह चिंताजनक है क्योंकि शिक्षक-अनुपस्थिति सीधे-सीधे शिक्षा-प्रगति को बाधित करती है। कोर्ट ने राज्य सरकार को डिजिटल/वर्चुअल उपस्थिति व्‍वस्था लागू करने का निर्देश दिया है। 🟢 सुझाव: स्थानीय स्कूल-प्रबंधन को शिक्षक-उपस्थिति की निगरानी खुद करना चाहिए एवं अभिभावकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शिक्षक नियमित रूप से कक्षा आ रहे हों। --- 2) Headline: उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुधारः उत्तर प्रदेश ने 25 % कॉलेजों को National Asse...

कागजी आधार कार्ड की जरूरत नहीं, अब डिजिटल — UIDAI ने लॉन्च किया नया Aadhaar App

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📰 कागजी आधार कार्ड की जरूरत नहीं, अब डिजिटल — UIDAI ने लॉन्च किया नया Aadhaar App नई दिल्ली, 10 नवंबर 2025 — भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आज आधार उपयोगकर्ताओं के लिए एक नया Aadhaar App लॉन्च किया है। यह ऐप नागरिकों को अपनी पहचान डिजिटल रूप में सुरक्षित रखने की सुविधा देगा और कागजी आधार कार्ड ले जाने की जरूरत समाप्त कर देगा। यह ऐप Android और iOS दोनों प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध है और UIDAI का कहना है कि यह “ mAadhaar ” से अधिक सुरक्षित और आधुनिक संस्करण है। मुख्य विशेषताएँ: अब आप एक मोबाइल डिवाइस पर पाँच Aadhaar प्रोफ़ाइल तक जोड़ सकते हैं। फेस स्कैन और बायोमेट्रिक लॉक से सुरक्षा और बढ़ी है। क्यूआर कोड के ज़रिए ऑफ़लाइन पहचान साझा करना संभव है। केवल नाम या फोटो दिखाने के लिए डेटा हाइड का विकल्प मिलेगा। UIDAI ने बताया कि नया ऐप डिजिटल पहचान की सुरक्षा और सुविधा दोनों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यूज़र्स अब अपने परिवार के सदस्यों के Aadhaar भी एक ही मोबाइल से एक्सेस कर सकेंगे, यदि उनके Aadhaar से वही मोबाइल नंबर जुड़ा है। UIDAI के अनुसार, ऐप से सभी आधार से जुड़ी सेवाएँ...