उत्तर प्रदेश में शिक्षक-अनुपस्थिति पर हाईकोर्ट की सख़्ती — “ठोस नीति लागू हो” निर्देश
1) Headline:
उत्तर प्रदेश में शिक्षक-अनुपस्थिति पर हाईकोर्ट की सख़्ती — “ठोस नीति लागू हो” निर्देश
लखनऊ — राज्य के सरकारी विद्यालयों में शिक्षक-अनुपस्थिति की समस्या ने बच्चों के सीखने-के-हक को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि ऐसी लचर उपस्थिति प्रणाली बच्चों के संवैधानिक अधिकार को खतरे में डाल रही है।
न्यायमूर्ति Praveen Kumar Giri ने टिप्पणी की कि इंडिपेंडेंस के बाद से-से राज्य में प्रभावी उपस्थिति प्रणाली नहीं रही है, जिससे गरीब बच्चों का समय-सारयोग बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
अभिभावकों तथा ग्रामीण इलाकों के लिए यह चिंताजनक है क्योंकि शिक्षक-अनुपस्थिति सीधे-सीधे शिक्षा-प्रगति को बाधित करती है। कोर्ट ने राज्य सरकार को डिजिटल/वर्चुअल उपस्थिति व्वस्था लागू करने का निर्देश दिया है।
🟢 सुझाव: स्थानीय स्कूल-प्रबंधन को शिक्षक-उपस्थिति की निगरानी खुद करना चाहिए एवं अभिभावकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शिक्षक नियमित रूप से कक्षा आ रहे हों।
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2) Headline:
उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुधारः उत्तर प्रदेश ने 25 % कॉलेजों को National Assessment and Accreditation Council (NAAC) मान्यता देने का लक्ष्य तय किया
बढ़ेगी
लखनऊ — राज्य सरकार ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया है। इस योजना के अंतर्गत लगभग 25 % (लगभग 1,000) कॉलेजों को 2025-26 तक NAAC मान्यता दिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस पहल से कॉलेजों में बेहतर अधोसंरचना, शोध-संस्थान, योग्य फैकल्टी और राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पाठ्यक्रम सुनिश्चित किए जाएंगे। शिक्षा मंत्री ने इसे “उच्च शिक्षा का नया युग” बताया है।
🟢 सुझाव: छात्र-परिवार को यह देखना होगा कि उनके कॉलेज का NAAC ग्रेड क्या है — इससे आगे की पढ़ाई व नौकरी-संभावनाएँ बेहतर होंगी।
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3) Headline:
कक्षा 3 के लिए 5.75 लाख शिक्षकों को डिजिटल शिक्षक-गाइड्स : उत्तर प्रदेश ने ‘Kitab Vitran App’ से सामग्री वितरण शुरू किया।
लखनऊ — राज्य ने शिक्षा-सुधार के तहत कक्षा 3 हिंदी व गणित के लिए नए शिक्षक-गाइड्स वितरण का डिजिटल माध्यम शुरू किया है। इस दिशा में Kitab Vitran App तैयार की गई है, जिसमें लगभग 5.75 लाख शिक्षक/शिक्षा-मित्र तथा 1.32 लाख स्कूल शामिल हैं।
इस ऐप-माध्यम से गाइड्स-मटेरियल्स में QR-कोड ट्रैकिंग रहेगी, जिससे प्रत्येक स्कूल-तक सामग्री पहुँचने व पुष्टि होने की जानकारी राज्य-प्रोजेक्ट-ऑफिस को मिल सकेगी। इस तरह वितरण-देर और सामग्री-खोने की संभावना कम होगी।
🟢 सुझाव: शिक्षक एवं अभिभावक विद्यालय से यह सुनिश्चित करें कि स्कूल-में सही गाइड्स उपलब्ध हों और उनका शिक्षण-उपयोग हो रहा हो।
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