वक्फ़ (संशोधन) बिल 2025 – भारत में वक्फ़ प्रबंधन में बड़े सुधार
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परिचय
8 अगस्त 2024 को लोकसभा में वक्फ़ (संशोधन) बिल 2025 और मुस्लिम वक्फ़ (रद्द) बिल 2024 पेश किए गए। इनका उद्देश्य वक्फ़ बोर्ड के कामकाज को सुधारना और वक्फ़ संपत्तियों का सही प्रबंधन सुनिश्चित करना है।
वक्फ़ (संशोधन) बिल 2025 का उद्देश्य
- 1995 के वक्फ़ कानून की कमियों को दूर करना।
- वक्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना।
- डिजिटल तकनीक के माध्यम से रजिस्ट्रेशन, सर्वे और ऑडिट की प्रक्रिया को आसान और तेज बनाना।
मुख्य प्रशासनिक निकाय
- केंद्रीय वक्फ़ काउंसिल (CWC): नीतिगत सलाह देती है, सीधे संपत्तियों पर नियंत्रण नहीं।
- राज्य वक्फ़ बोर्ड (SWB): राज्य स्तर पर वक्फ़ संपत्तियों का प्रबंधन और सुरक्षा।
- वक्फ़ न्यायाधिकरण: वक्फ़ विवादों का विशेष न्यायिक समाधान।
वर्तमान चुनौतियाँ
- वक्फ़ संपत्तियों का अपरिवर्तनीय होना।
- अवैध कब्जा और संपत्ति विवाद।
- रजिस्ट्रेशन और सर्वे में देरी।
- न्यायिक निरीक्षण का अभाव।
- Section 40 के गलत इस्तेमाल से गैर-मुस्लिम संपत्तियों का वक्फ़ घोषित होना।
बिल से प्रस्तावित सुधार
- एकीकृत वक्फ़ प्रबंधन: डिजिटल पोर्टल और डेटा बेस के माध्यम से।
- केंद्रीय और राज्य वक्फ़ बोर्डों का सशक्तिकरण: निर्णय प्रक्रिया में विविध समुदाय और महिलाओं को शामिल करना।
- वक्फ़ ट्रस्ट्स की स्वतंत्रता: मुस्लिम ट्रस्ट्स अब वक्फ़ में शामिल नहीं होंगे।
- संपत्ति का सर्वे और म्यूटेशन: राजस्व अधिकारियों द्वारा।
- पारदर्शिता और जवाबदेही: म्यूटावलीस को 6 महीने के अंदर केंद्रीय पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य।
- न्यायाधिकरण का सुधार: चयन प्रक्रिया और कार्यकाल स्पष्ट।
- गैर-मुस्लिम प्रतिनिधित्व: बोर्ड में 2 गैर-मुस्लिम सदस्य।
- धन का सही उपयोग: वार्षिक योगदान 7% से घटाकर 5%।
- Section 40 हटाना: अनुचित वक्फ़ घोषणाओं को रोकना।
गरीबों के लिए लाभ
- डिजिटल प्रबंधन से पारदर्शिता।
- वक्फ़ भूमि का सही उपयोग और अधिक राजस्व।
- शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रोजगार के लिए फंड का बेहतर वितरण।ki
निष्कर्ष
वक्फ़ (संशोधन) बिल 2025 भारत में वक्फ़ प्रबंधन में दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह बिल वक्फ़ संपत्तियों का सही उपयोग सुनिश्चित करता है और गरीब व कमजोर वर्गों के लिए सामाजिक कल्याण में योगदान बढ़ाता है।
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