### मिर्जापुर जनपद में एक जून को मतदान, 10 प्रत्याशी मैदान में
### मिर्जापुर जनपद में एक जून को मतदान, 10 प्रत्याशी मैदान में
मिर्जापुर: मिर्जापुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र न केवल धार्मिक पर्यटन में बल्कि भारत की चुनावी राजनीति में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। 1952 से अब तक, कांग्रेस ने सात बार, समाजवादी पार्टी ने चार बार, बहुजन समाज पार्टी और बीजेपी ने दो-दो बार, अपना दल ने दो बार, भारतीय जनसंघ, जनता पार्टी और जनता दल ने एक-एक बार इस सीट पर जीत दर्ज की है। कोई भी उम्मीदवार लगातार तीन बार इस सीट से सांसद नहीं बना है।
धार्मिक और प्राकृतिक दृष्टि से मिर्जापुर जनपद अपने में पूर्ण है। विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल धाम का मां विंध्यवासनी मंदिर, चुनार का किला और विंढम फॉल जैसे पर्यटन स्थल यहां स्थित हैं। विंध्याचल धाम का विकास तेजी से हो रहा है और मां विंध्यवासनी मंदिर का कायाकल्प हो चुका है। विंध्य कॉरिडोर बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हुई है। हालांकि, विंढम फॉल जैसे दर्जनों झरने आज भी वैसे ही हैं जैसे आजादी के समय थे।
स्थानीय उद्योगों, जैसे कालीन, पीतल बर्तन, और चुनार के पॉटरी उद्योग की स्थिति गंभीर है। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने इनके विकास के लिए कई बार प्रयास किए, मगर अभी तक कोई खास लाभ नहीं मिला है। ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों की हालत भी दयनीय है। शिक्षा के क्षेत्र में कुछ विकास हुआ है; मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज और केंद्रीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं और विश्वविद्यालय का शिलान्यास भी हो चुका है।
मिर्जापुर लोकसभा सीट पर इस चुनाव में बाहरी, बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दा प्रमुख है। उत्तर प्रदेश में कुल 80 संसदीय सीटें हैं और मिर्जापुर लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इस सीट से दस्यु सुंदरी फूलन देवी और दस्यु ददुवा के भाई बालकुमार पटेल भी सांसद रह चुके हैं।
जनसांख्यिकीय दृष्टि से मिर्जापुर लोकसभा क्षेत्र में विभिन्न जातियों का संतुलन है। यहां पर एक लाख 50 हजार ब्राह्मण, एक लाख 50 हजार वैश्य, 90 हजार क्षत्रिय, एक लाख 25 हजार कोल, 3 लाख 50 हजार पटेल, अन्य ओबीसी तीन लाख, तीन लाख दलित, एक लाख 50 हजार मुस्लिम, एक लाख 50 हजार मौर्य कुशवाहा, एक लाख यादव और एक लाख 50 हजार बिंद केवट हैं।
मिर्जापुर लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र हैं: मिर्जापुर सदर, चुनार, मझवा, मड़िहान, और छानबे। इनमें से तीन सीटों पर भारतीय जनता पार्टी, एक पर निषाद पार्टी, और एक पर अपना दल (एस) का कब्जा है। यहां तीन नगर पालिका और एक नगर पंचायत हैं। मिर्जापुर की 30 लाख आबादी में जेंडर रेशियो 907 है।
2024 के लोकसभा चुनाव में यहां कुल 19,03,640 मतदाता हैं, जिसमें 9,98,023 पुरुष, 9,05,548 महिलाएं और 69 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। 18 से 19 वर्ष के 27,353 मतदाता और दिव्यांग मतदाता 15,168 हैं। वहीं 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता 16,227 हैं।
मिर्जापुर जनपद में एक जून को मतदान होगा और कुल 10 प्रत्याशी मैदान में हैं। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल तीसरी बार चुनाव लड़ रही हैं जबकि तीन बार के विधायक और सांसद रमेश चंद बिंद बीजेपी को छोड़कर सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी ने मनीष त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया है और अपना दल कमेरावादी ने दौलत सिंह पटेल को मैदान में उतारा है। इसके अलावा 6 अन्य प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में हैं।
मिर्जापुर एक सामान्य सीट है। वर्तमान सांसद अनुप्रिया पटेल ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 232,008 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। अनुप्रिया पटेल को 591,564 वोट मिले थे, जबकि समाजवादी पार्टी के रामचरित्र निषाद को 359,556 वोट और कांग्रेस के ललितेश पति त्रिपाठी को 91,501 वोट मिले थे।कांग्रेस के ललितेश पति त्रिपाठी को 91,501 वोट से संतोष करना पड़ा था.
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