उत्तर प्रदेश लोक सभा चुनाव
यूपी राजनीति: दलों के सामने विधानसभा चुनाव का प्रदर्शन लोकसभा तक लाने की चुनौती, जानें- सीटों के आंकड़ें
10 मई 024
यूपी राजनीति: वाराणसी की सभी आठ सीटों पर भाजपा और सहयोगी दल ने अपना कब्जा जमाया। प्रधानमंत्री ने कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया, बूथों पर संवाद खुद संभाला। अंत में रोड शो और जनसभा में सभी को साध लिया। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने प्रबुद्धजनों से भी मुलाकात की।
चुनाव लोकसभा का है, मगर पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़े भी मायने रखते हैं। पूर्वांचल के 10 जिलों में 13 लोकसभा सीटें और इन्हीं 10 जिलों में 61 विधानसभा सीटें हैं। पिछले चुनाव में भाजपा को 12 सीटों का नुकसान हुआ था तो सपा को 19 सीटों का फायदा हुआ था। बसपा के पास सिर्फ एक सीट थी। इस बार इन विधायकों का प्रदर्शन भी महत्वपूर्ण होगा।
पूर्वांचल के 10 जिलों की 61 सीटों पर भाजपा को 2017 विधानसभा चुनाव के मुकाबले 12 सीटों का नुकसान हुआ था। भाजपा को 10 जिलों में 29 सीटों पर विजय मिली थी, जबकि सपा ने पिछले प्रदर्शन को सुधारते हुए 31 सीटों पर कब्जा जमाया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा के हिस्से में सिर्फ 12 सीटें ही आई थीं। बसपा के पास एक सीट थी, जबकि कांग्रेस को भी एक सीट मिली थी।
वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया और सभी सीटों पर जीत हासिल की। लेकिन आजमगढ़ से भाजपा को सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। गाजीपुर में भाजपा ने पांच सीटें खो दीं, जबकि पिछले चुनाव में सुभासपा को तीन सीटों पर जीत मिली थी। बलिया और जौनपुर में भी भाजपा को सीटों का नुकसान हुआ है।
इस बार बदले हुए हैं समीकरण
2017 के चुनाव में भाजपा ने सुभासपा के साथ चुनाव लड़ा। 2022 में सुभासपा, समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में थी। इस बार फिर सुभासपा भाजपा के साथ गई है। इन दोनों सालों में प्रदर्शन में आए फर्क को भी सुभासपा का असर मानभाजपा के साथ गई है। इन दोनों सालों में प्रदर्शन में आए फर्क को भी सुभासपा का असर मानi जाता है। दरअसल पूर्वांचल की कई सीटें राजभर बहुल हैं। ऐसे में इन सीटों पर इस बिरादरी का असर साफ दिखाई देता है।
शारिक मोहम्मद ब्यूरो प्रमुख मिर्ज़ापुर
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