मिर्जापुर में कचरे से कमाई का अनूठा मॉडल:
मिर्जापुर में कचरे से कमाई का अनूठा मॉडल: बिना सरकारी खर्च के 26 कुंतल प्लास्टिक से 31 हज़ार रुपये की आमदनी
मिर्जापुर: स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत मिर्जापुर जिले में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर एक अभिनव पहल शुरू की गई है, जिसके तहत ‘कचरे से कमाई’ का मॉडल विकसित किया गया है। इस अभियान को आजीविका मिशन से भी जोड़ा गया है जिससे लोगों को रोजगार और जैविक खाद दोनों मिल रहे हैं।
जिला पंचायत राज अधिकारी संतोष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 1 जून को लगभग 26 कुंतल प्लास्टिक कचरे का एकत्रीकरण किया गया, जिसकी रीसाइक्लिंग से करीब 31,000 रुपये की आय होगी। गांवों में बने कूड़ा कलेक्शन डिपो पर प्लास्टिक को अन्य कचरे से अलग कर जैविक खाद भी तैयार की जा रही है।
यह अभियान जिले की 736 ग्राम पंचायतों में चलाया जा रहा है, जिसमें अब तक 15,925 लोगों ने सक्रिय भागीदारी निभाई है। फिलहाल प्लास्टिक 12 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जा रहा है, जबकि भविष्य में इसके 25 रुपये प्रति किलो तक बिकने की संभावना है।
ग्राम पंचायतों में देखी जा रही 90% गंदगी पॉलीथिन की है, जिससे नालियाँ जाम हो रही हैं और मिट्टी बंजर हो रही है। इस पहल से पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिल रहा है।
खास बात यह है कि यह पूरा अभियान जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में बिना किसी सरकारी फंड के संचालित हो रहा है। कचरे से प्राप्त धनराशि पुरस्कार स्वरूप संबंधित ग्राम पंचायतों को दी जाएगी।
इस प्रकार, मिर्जापुर जिले में स्वच्छता, आजीविका और पर्यावरण संरक्षण का एक प्रभावशाली और आत्मनिर्भर मॉडल स्थापित किया गया है, जिसे अन्य जिलों में भी अपनाया जा सकता है।
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