सुप्रीम कोर्ट का आवारा कुत्तों पर बड़ा फैसला "पहले टीका, फिर रिहाई!" , कुत्ता पकड़ने में बाधा डालने पर जुर्माना

देश दर्पण न्यूज़
सुप्रीम कोर्ट का आवारा कुत्तों पर बड़ा फैसला: शर्तों के साथ होगी रिहाई, देशव्यापी नीति बनाने का निर्देश
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को लेकर अपने एक पुराने आदेश में बड़ा बदलाव किया है। अब कुत्तों को सड़कों से पकड़कर स्थायी रूप से आश्रय गृहों में रखने के बजाय, उन्हें कुछ शर्तों के साथ वापस छोड़ा जाएगा। कोर्ट ने इस फैसले को न केवल दिल्ली-एनसीआर बल्कि पूरे देश के लिए एक नीति बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि अब यह मामला एक राष्ट्रीय मुद्दा है और इस पर जल्द ही एक समान और अंतिम नीति बनाई जाएगी।
फैसले की 5 अहम बातें:
1. शर्तों के साथ कुत्तों की रिहाई:
सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को दिए अपने पिछले आदेश को संशोधित करते हुए कहा है कि अब आवारा कुत्तों को पहले डीवॉर्मिंग (पेट के कीड़े निकालने की दवा) और वैक्सीनेशन (टीकाकरण) से गुजरना होगा, उसके बाद ही उन्हें शेल्टर से रिहा किया जा सकता है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा, "पहले टीका, फिर रिहाई!" हालांकि, जिन कुत्तों का व्यवहार आक्रामक है या जो रेबीज से पीड़ित हैं, उन्हें सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा।
2. सार्वजनिक जगहों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर रोक:
इस फैसले में एक और महत्वपूर्ण निर्देश यह है कि सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। कोर्ट का कहना है कि ऐसा करने से कई बार दुर्घटनाएं हो जाती हैं। इसलिए अब एमसीडी को हर वॉर्ड में कुत्तों के लिए विशेष 'फीडिंग स्पॉट' (भोजन स्थल) बनाने का आदेश दिया गया है। लोगों को कुत्तों को खाना केवल इन निर्धारित स्थलों पर ही खिलाने की अनुमति होगी।
3. उल्लंघन की शिकायत के लिए हेल्पलाइन:
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम (MCD) को एक हेल्पलाइन नंबर शुरू करने का निर्देश दिया है, ताकि लोग इन नए नियमों के उल्लंघन की शिकायत सीधे दर्ज करा सकें। यह हेल्पलाइन यह सुनिश्चित करेगी कि कोर्ट के आदेशों का सही ढंग से पालन हो।
4. कुत्ता पकड़ने में बाधा डालने पर जुर्माना:
कोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि अगर कोई पशु प्रेमी या अन्य व्यक्ति आवारा कुत्ते पकड़ने के काम में बाधा डालता है, तो उस पर जुर्माना लगेगा। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया है और इसे अदालत की अवमानना भी माना जाएगा। ऐसे मामलों में, व्यक्ति विशेष पर 25,000 रुपये का जुर्माना और किसी एनजीओ पर 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
5. दिल्ली से देश तक, सभी राज्यों को जोड़ा गया:
यह मामला अब सिर्फ दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस केस में पक्षकार बनाया है। इसका मतलब यह है कि देश भर के हाई कोर्ट्स में आवारा कुत्तों से जुड़े जितने भी मामले लंबित थे, उन सभी को सुप्रीम कोर्ट ने अपने पास ट्रांसफर कर लिया है। अब इस मुद्दे पर एक समान और अंतिम नीति सुप्रीम कोर्ट ही बनाएगा।
इस फैसले को पशु प्रेमियों और आम जनता के बीच संतुलन बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जो मानव सुरक्षा के साथ-साथ पशु कल्याण को भी सुनिश्चित करता है।
Source: HINDUSTAN 

👉 जुड़ें और अपडेट पाएं:

🔗 WhatsApp Group
🔗 Telegram Channel
🔗 Facebook Page

🔗 हमारी वेबसाइट पर पूरी खबरें पढ़ें: Desh Darpan News

📩 हमें ईमेल करें: deshdarpannews1@gmail.com


📣 प्रिय अभिभावकगण,
क्या आप हमारे "स्कूल बैग हल्का करो - बचपन बचाओ" अभियान में हमारे साथ हैं?
अगर हां, तो कृपया नीचे दिए गए YES बटन पर क्लिक करें:

✅ YES

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मिर्जापुर नगर पालिका परिषद की पहल, गंदगी दिखने पर कॉल करें टोल फ्री नंबर '1533'"

एक्सपायरी दवाओं का बड़ा रैकेट पकड़ा गया, दवा माफिया एक्सपायरी तारीख बदलकर बेच रहा था दवाएं

मिर्ज़ापुर में 22 झोलाछाप को नोटिस: जांच के दौरान 4 झोलाछाप के चिकित्सालय को किया गया सील