### लोकसभा चुनाव 2024: यूपी में फिर होगी सपा-भाजपा की टक्कर, इन सीटों पर जल्द होगा चुनाव, जानें वजह
### लोकसभा चुनाव 2024: यूपी में फिर होगी सपा-भाजपा की टक्कर, इन सीटों पर जल्द होगा चुनाव, जानें वजह
**उत्तर प्रदेश समाचार:** लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आते ही उत्तर प्रदेश में एक चुनाव की आहट हो गई है। इस चुनाव में यूपी के कई ऐसे नेताओं ने लोकसभा का चुनाव लड़ा जो मौजूदा समय में विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य थे। अब लोकसभा की सदस्यता मिलने के बाद ये नेता उत्तर प्रदेश की विधानसभा और विधान परिषद की सदस्यता के साथ मंत्री पद से भी इस्तीफा दे रहे हैं, जिसके बाद इन सीटों पर उपचुनाव होना लगभग तय है।
**अखिलेश समेत इन विधायकों ने दिया इस्तीफा**
बता दें कि बुधवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कन्नौज सीट से लोकसभा चुनाव 2024 जीतने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। 2022 में अखिलेश करहल सीट से विधायक चुने गए थे। अखिलेश के साथ फैजाबाद के नए सांसद अवधेश प्रसाद ने भी अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया है। अवधेश प्रसाद अयोध्या की मिल्कीपुर सीट से विधायक थे। वहीं अंबेडकरनगर के नवनिर्वाचित सांसद लालजी वर्मा ने भी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले केंद्र सरकार में मंत्री बने जितिन प्रसाद ने भी यूपी विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
**इन सीटों पर होगा उपचुनाव**
लोकसभा चुनाव के नतीजों के मुताबिक उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा और 1 विधान परिषद सीट पर अब उपचुनाव होने हैं। कारण, इन सीटों से विधायक अब सांसद बन चुके हैं और एक-एक करके विधायकी से इस्तीफा दे रहे हैं। इसके बाद प्रदेश की 9 विधानसभा और 1 विधान परिषद सीट पर आगामी 6 महीने के भीतर उपचुनाव होंगे। जिन 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से 4 पर सपा, 3 पर बीजेपी और 1-1 पर आरएलडी-निषाद पार्टी के विधायक थे।
**अखिलेश यादव, अवधेश प्रसाद ने दिया UP विधानसभा से इस्तीफा, करहल-मिल्कीपुर में होगा उपचुनाव**
अब दिल्ली की राजनीति पर अखिलेश की नजर है। यूपी में शानदार प्रदर्शन के बाद सपा ने आगामी रणनीति बनाई है।
**जानें क्या कहते हैं नियम**
बता दें कि नियमानुसार नेता का किसी दूसरे सदन का सदस्य निर्वाचित होने के बाद 14 दिन के भीतर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना अनिवार्य है। वहीं इस्तीफा देने के बाद खाली हुई विधानसभा सीट पर 6 महीने के भीतर उपचुनाव कराना भी अनिवार्य है। सदस्यों के इस्तीफे के बाद चुनाव आयोग द्वारा इन विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी जाएगी और तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा।
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