बार-बार केवाईसी से छुटकारा पाएं
नई दिल्ली | Desh Darpan News: भारत में फाइनेंशियल सेवाओं को सरल और डिजिटल बनाने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) लगातार नई योजनाएं लागू कर रहे हैं। इन्हीं में से एक अहम पहल है CKYC यानी Central Know Your Customer। अगर आपने बैंक खाता, म्यूचुअल फंड, बीमा, लोन या डिमैट अकाउंट खुलवाया है तो आपने KYC के बारे में जरूर सुना होगा। लेकिन अब CKYC के माध्यम से आपको बार-बार अलग-अलग संस्थाओं में KYC करने की जरूरत नहीं है।
✔️ CKYC क्या है?
CKYC यानी Central KYC एक सेंट्रल डाटाबेस है जहां आपकी KYC जानकारी एक बार रजिस्टर होते ही सभी बैंकों, बीमा कंपनियों, म्यूचुअल फंड और वित्तीय संस्थाओं में मान्य हो जाती है। इस सिस्टम को CERSAI (Central Registry of Securitisation Asset Reconstruction and Security Interest of India) द्वारा संचालित किया जाता है।
✔️ CKYC नंबर क्या होता है?
CKYC करवाने के बाद आपको एक यूनिक 14 अंकों का CKYC ID नंबर मिलता है। भविष्य में किसी भी वित्तीय सेवा के लिए सिर्फ इस नंबर के आधार पर आपकी KYC मान्य मानी जाएगी। इससे समय और दस्तावेज दोनों की बचत होती है।
✔️ CKYC क्यों जरूरी है?
1. डिजिटल इंडिया और फिनटेक सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए।
2. धोखाधड़ी और गलत दस्तावेजों से बचाव के लिए।
3. ग्राहकों को बार-बार दस्तावेज देने की परेशानी से बचाने के लिए।
4. सभी वित्तीय सेवाओं में आपकी पहचान को एक जैसा मान्य बनाने के लिए।
✅ CKYC के प्रमुख लाभ (Benefits):
🔹 सिर्फ एक बार KYC कराना होता है।
🔹 अलग-अलग बैंकों व संस्थानों में बार-बार दस्तावेज जमा नहीं करने पड़ते।
🔹 फास्ट और सेफ प्रोसेस।
🔹 आपके सभी KYC दस्तावेज एक ही जगह सुरक्षित रहते हैं।
🔹 बैंक, बीमा, म्यूचुअल फंड, लोन, डिमैट आदि में काम आता है।
🔍 CKYC कैसे बनवाएं?
Step 1: अपने नजदीकी बैंक, NBFC, म्यूचुअल फंड एजेंसी या बीमा कंपनी में जाएं।
Step 2: CKYC फॉर्म भरें।
Step 3: आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो जमा करें।
Step 4: आपकी डिटेल्स CKYC सिस्टम में रजिस्टर होती हैं।
Step 5: कुछ दिनों में आपको 14 डिजिट का CKYC नंबर अलॉट हो जाता है।
📱 CKYC नंबर कैसे पता करें?
आप अपना CKYC नंबर नीचे दिए गए तरीकों से चेक कर सकते हैं:
1. बैंक/फाइनेंशियल संस्था से पूछें।
2. ऑनलाइन पोर्टल https://www.ckycindia.in/ पर जाकर चेक करें।
3. ग्राहक सेवा हेल्पलाइन के माध्यम से जानकारी प्राप्त करें।
📑 CKYC के प्रकार (Types of CKYC):
1. Normal CKYC: सामान्य ग्राहकों के लिए।
2. Simplified CKYC: छोटे निवेशक, जिनके पास सभी डॉक्यूमेंट्स नहीं होते।
3. Small Account CKYC: न्यूनतम KYC के साथ छोटे खाते।
4. Non-Resident CKYC: एनआरआई ग्राहकों के लिए।
❓ किसे बनवाना चाहिए CKYC?
➡️ बैंक खाता खोलने वाले व्यक्ति को।
➡️ म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों को।
➡️ बीमा खरीदने वालों को।
➡️ शेयर मार्केट या डिमैट अकाउंट लेने वालों को।
➡️ लोन लेने वाले ग्राहकों को।
📝 महत्वपूर्ण बातें:
✔️ CKYC केवल एक बार कराना होता है।
✔️ अगर आपके डॉक्यूमेंट्स में बदलाव होता है तो CKYC अपडेट कराना जरूरी है।
✔️ आपके डिटेल्स सुरक्षित और गोपनीय रखे जाते हैं।
👉 निष्कर्ष:
Central KYC यानी CKYC भारतीय वित्तीय प्रणाली में एक बड़ी सुविधा है जो ग्राहकों को बार-बार KYC के झंझट से बचाती है और डिजिटल इंडिया मिशन को मजबूत बनाती है। अगर आपने अभी तक CKYC नहीं कराया है तो जल्द ही किसी नजदीकी बैंक में जाकर इसे पूरा करें और फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन को सरल बनाएं।
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