India Dog Bite Report 2025: यूपी, एमपी, केरल में बिगड़ते हालात – ये आंकड़े चौंका देंगे!
➕ 1. मध्य प्रदेश (इंदौर)
जनवरी–जून 2025: इंदौर में लगभग 23,695 लोग डॉग बाइट के शिकार हुए ।
एक ही दिन एक आक्रामक कुत्ते ने 16 लोगों को काटा, जिससे प्रशासन ने अलर्ट जारी किया ।
पूरे वर्ष 2024 में, भारत में 22 लाख से अधिक डॉग बाइट दर्ज हुए, जिसमें ग्राम क्षेत्र प्रमुख रहा ।
➕ 2. उत्तर प्रदेश (नोएडा सहित)
जनवरी–मई 2025: नोएडा में 5 महीनों में 74,550 डॉग बाइट्स हुईं, जिसमें 52,714 केवल आवारा कुत्तों से थे ।
यूपी के अन्य जिलों जैसे मुजफ्फरनगर, बदायूँ, इटावा आदि में दिनभर 300–400 के बीच मामले दर्ज हो रहे हैं; कुल अनुमानित वार्षिक संख्या 27 लाख+
➕ 3. पूरे भारत का परिदृश्य
2024: भारत में 21.95 लाख डॉग बाइट के मामले दर्ज—इसके अलावा अन्य जनावरों द्वारा 5 लाख से अधिक ।
2023 vs 2024: कुल मामलों की संख्या में गिरावट तो देखी गई, लेकिन हालात अभी भी चिंताजनक बने हुए हैं ।
आंकड़े: कुल में 30 लाख के करीब थे, 2024 में लगभग 22 लाख ।
➕ 4. राज्यों में स्थिति का तात्कालिक विश्लेषण
केरल: जनवरी–मई 2025 में 1,31,244 केस दर्ज; इनमें से 16 की मौतें ।
चंडीगढ़: 2024 तक 40,153 घटनाएं और 2025 के पहले दो महीनों में 6,439 नए केस; सरकार जख्म संबंधी मुआवज़ा देने लगी ।
दिल्ली: सफदरजंग अस्पताल में दैनिक लगभग 500 डॉग बाइट मरीज आते हैं; 70% लोग पूरा Anti-rabies कोर्स नहीं कराते ।
➕ 5. कारण एवं चुनौतियाँ
आवारा कुत्तों की संख्या में बढ़ोत्तरी, कमजोर नसबंदी अभियान और टीकाकरण कवरेज इसकी मुख्य वजह हैं ।
मौसमी प्रवृत्ति: गर्मियों में अधिक, बारिश में कम; 2025 के शुरुआत के आंकड़ों से स्पष्ट है ।
रैबीज़ जोखिम: दैनिक इलाज न मिलने पर एडवांस केस में जान भी जा सकती है, विशेषकर ग्रामीण इलाकों में ।
➕ 6. सरकारी व न्यायिक पहल
सुप्रीम कोर्ट में ‘जस्टिस सीरि जगन’ समिति गठित की गई, जो मुआवज़े एवं नीति सुझाव दे रही है ।
केरल मानव अधिकार आयोग ने मल्टी-डिपार्टमेंटल टास्क फोर्स की मांग की है ।
नगर निगम, स्वास्थ्य व वन विभाग को संयुक्त रूप से आवारा कुत्तों की नसबंदी, टीकाकरण और जागरूकता बढ़ाने का निर्देश मिला है ।
➕ 7. नागरिकों के लिए सावधानियाँ
1. काटे जाने पर तुरंत जख्म साफ करके Anti‑Rabies Vaccine लगवाएं।
2. पूरा कोर्स (5‑6 डोज/7‑8 सप्ताह) लें—आधा छोड़ा तो रैबीज़ का खतरा बना रहता है।
3. बच्चों को आवारा और अज्ञात कुत्तों से दूर रहने की शिक्षा दें।
4. असुरक्षित क्षेत्र की सूचना नगरपालिका या स्थानीय अधिकारियों को दें।
5. कचरा व्यवस्थित रखें—आवारा जानवर को आकर्षित न करें।
🆘 राष्ट्रीय रैबीज़ हेल्पलाइन: 15400
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