भारत में मकानों की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?
भारत में मकानों की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?
भारत में एक व्यक्ति की कमाई अमेरिका के मुकाबले 25 गुना कम है, लेकिन फिर भी घर खरीदना बहुत महंगा है। रियल एस्टेट विशेषज्ञों के अनुसार, प्राइवेट बिल्डरों ने आपस में मिलकर एक ग्रुप बना लिया है। वे अपने मनचाहे दाम तय कर रहे हैं और सरकार की ओर से इस पर कोई नियंत्रण नहीं है। इसी वजह से मकानों की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं।
भारत में घर खरीदना क्यों महंगा हो रहा है?
भारत में घरों की कीमतें दिन-ब-दिन बढ़ रही हैं। लोअर मिडिल क्लास के लोग घर खरीदने में असमर्थ हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण प्रॉपर्टी की ऊंची कीमतें हैं।
कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?
1. बढ़ती मांग और कम सप्लाई – जितने घरों की जरूरत है, उतने उपलब्ध नहीं हैं।
2. बिल्डरों की मिलीभगत – प्राइवेट बिल्डर मिलकर मनचाही कीमत तय कर रहे हैं।
3. सरकारी नियंत्रण की कमी – सरकार का कीमतों पर कोई नियंत्रण नहीं है।
इसी वजह से घर खरीदना आम लोगों के लिए मुश्किल होता जा रहा है।
अमेरिका से ज्यादा महंगी भारत में प्रॉपर्टी
भारत में हर व्यक्ति की औसत सालाना कमाई 2,730 अमेरिकी डॉलर यानी 2,39,857 रुपये है। वहीं, अमेरिका में यह कमाई 68,531 डॉलर यानी लगभग 60,22,294 रुपये है। इसका मतलब है कि अमेरिकी लोगों की आमदनी भारतीयों से 25 गुना ज्यादा है।
फिर भी, भारत में घरों की कीमतें कई बड़े अमेरिकी शहरों से भी ज्यादा हो गई हैं। यह दिखाता है कि यहां आमदनी और घरों की कीमतों के बीच बहुत बड़ा अंतर है। इससे यह भी पता चलता है कि प्रॉपर्टी के दाम असामान्य रूप से बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं।
दिल्ली-एनसीआर में 49% महंगे हुए घर
भारत में प्रॉपर्टी की कीमतें बहुत तेजी से बढ़ रही हैं, इसका सबसे बड़ा उदाहरण दिल्ली-एनसीआर है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल की तीसरी तिमाही में यहां घरों की औसत कीमत 49% बढ़ गई है। अब यहां प्रॉपर्टी की कीमत 8,105 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई है।
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