फटी किताबों से उड़ान: अंश प्रताप की सफलता की कहानी
फटी किताबों से उड़ान: अंश प्रताप की सफलता की कहानी
कहते हैं कि अगर इरादे मजबूत हों, तो हालात कितने भी कठिन क्यों न हों, सफलता मिलकर रहती है। इस बात को सच कर दिखाया है उत्तर प्रदेश के बरेली के अंश प्रताप ने। अंश एक मज़दूर के बेटे हैं, जिनके पास न तो नए कपड़े थे, न ही नई किताबें। लेकिन उनके पास था ज्ञान पाने का जुनून और मेहनत करने की लगन।
गरीबी की वजह से अंश को फटी-पुरानी किताबों से पढ़ाई करनी पड़ी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने JEE Mains 2025 की परीक्षा में 658वीं रैंक हासिल कर सबको चौंका दिया। आज वह JEE Advanced की तैयारी में जुटे हैं और अपने सपनों को पंख देने के लिए हर दिन मेहनत कर रहे हैं।
2024 में उन्हें एक स्कॉलरशिप मिली, जिसके बाद उन्होंने कोटा (राजस्थान) में जाकर कोचिंग ली। इस सफलता के पीछे उनके पिता का भी बड़ा योगदान है, जिन्होंने मज़दूरी करके अपने बेटे की पढ़ाई के सपने को जिंदा रखा।
अंश की यह कहानी हमें सिखाती है कि संसाधनों की कमी कभी भी सफलता की राह में रुकावट नहीं बन सकती। अगर आप सच्चे दिल से कुछ पाना चाहते हैं और पूरी मेहनत करते हैं, तो कोई भी मुश्किल आपको रोक नहीं सकती।
निष्कर्ष:
अंश प्रताप जैसे युवाओं की कहानी हर उस छात्र के लिए प्रेरणा है, जो किसी न किसी वजह से हिम्मत हारने लगता है। याद रखिए, हालात बदलते हैं, अगर मेहनत सच्ची हो।
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