कुकीज़ क्या होती हैं? जानिए Accept / Reject Cookies और डेटा प्राइवेसी की पूरी सच्चाई | DESH DARPAN NEWS”




क्या हैं ‘Cookies’? जानिए आपकी डेटा प्राइवेसी से जुड़ी पूरी सच्चाई

✍️ DESH DARPAN NEWS डेस्क

आपने इंटरनेट पर ब्राउज़िंग करते समय अक्सर एक मैसेज देखा होगा – “This website uses cookies. Accept / Reject”।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये Cookies आखिर हैं क्या, क्यों वेबसाइट्स इन्हें इस्तेमाल करती हैं और इनका आपकी प्राइवेसी से क्या संबंध है?
आइए, आज इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं।

कुकीज़ क्या होती हैं?

कुकीज़ दरअसल एक छोटी टेक्स्ट फाइल होती हैं, जिन्हें कोई भी वेबसाइट आपके ब्राउज़र या मोबाइल में सेव कर देती है।
इनमें यह जानकारी दर्ज हो सकती है:

आपकी लॉगिन डिटेल्स

वेबसाइट पर की गई एक्टिविटी

आपकी ब्राउज़िंग पसंद व हिस्ट्री


👉 जब आप दोबारा वही वेबसाइट खोलते हैं, तो यही कुकीज़ आपकी पहचान कर लेती हैं और आपको पर्सनलाइज्ड अनुभव देती हैं। जैसे – लॉगिन बार-बार न करना पड़े, पसंदीदा भाषा या प्रोडक्ट पहले से दिखना इत्यादि।

वेबसाइट पर ‘Accept’ या ‘Reject Cookies’ का मतलब

जब वेबसाइट आपसे “Accept Cookies” पूछती है, तो असल में वह आपके डिवाइस पर आपकी जानकारी सेव करने की इजाज़त ले रही होती है।

Accept करने पर: वेबसाइट आपकी अधिकांश जानकारी सेव कर सकती है। इससे ब्राउजिंग तेज़ और सुविधाजनक हो जाती है।

Reject करने पर: केवल ज़रूरी (Essential) कुकीज़ ही काम करती हैं। बाकी ट्रैकिंग बंद हो जाती है, जिससे आपकी निजता अधिक सुरक्षित रहती है।

कुकीज़ के प्रकार

कुकीज़ कई तरह की होती हैं, जिनमें मुख्य रूप से तीन श्रेणियाँ शामिल हैं:

1. सेशन कुकीज़ (Session Cookies):
ब्राउज़र बंद करते ही अपने-आप डिलीट हो जाती हैं।


2. पर्सिस्टेंट कुकीज़ (Persistent Cookies):
लंबे समय तक डिवाइस में सेव रहती हैं और अगली बार ब्राउज़िंग को आसान बनाती हैं।


3. थर्ड पार्टी कुकीज़ (Third-Party Cookies):
इन्हें विज्ञापन या डेटा एनालिसिस करने वाली बाहरी कंपनियाँ इस्तेमाल करती हैं। ये सबसे ज्यादा प्राइवेसी रिस्क वाली मानी जाती हैं।

कुकीज़ से जुड़े खतरे और डेटा प्राइवेसी

कुकीज़ का उद्देश्य मुख्य रूप से सुविधा देना होता है, लेकिन थर्ड पार्टी कुकीज़ कई बार आपकी पर्सनल आदतें, रुचि, लोकेशन और ऑनलाइन बिहेवियर तक ट्रैक कर लेती हैं।

यह डेटा कंपनियों द्वारा विज्ञापन टार्गेटिंग में इस्तेमाल होता है।

अगर यह जानकारी गलत हाथों में चली जाए तो डेटा लीक, स्पैम या साइबर फ्रॉड का खतरा बढ़ सकता है।

सुरक्षित रहने के लिए क्या करें?

✔️ हमेशा ध्यान से पढ़ें कि वेबसाइट कौन-कौन सी कुकीज़ इस्तेमाल कर रही है।
✔️ अनजान या संदिग्ध वेबसाइट्स पर कुकीज़ एक्सेप्ट करने से बचें।
✔️ ब्राउज़र सेटिंग्स में जाकर समय-समय पर कुकीज़ डिलीट करते रहें।
✔️ अपने ब्राउज़र और ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट रखना न भूलें।
✔️ यदि संभव हो तो “Incognito Mode” का इस्तेमाल करें, जिससे कुकीज़ सेव न हों।

निष्कर्ष

कुकीज़ इंटरनेट पर आपकी सुविधा के लिए बनाई गई हैं, लेकिन इनका अंधाधुंध इस्तेमाल आपकी प्राइवेसी के लिए खतरा बन सकता है।
DESH DARPAN NEWS की सलाह है –

आवश्यक कुकीज़ एक्सेप्ट करें ताकि वेबसाइट सुचारू रूप से चले।

लेकिन अनावश्यक या थर्ड पार्टी कुकीज़ को रिजेक्ट करें और समय-समय पर कुकीज़ साफ करते रहें।


👉 याद रखें, डिजिटल दुनिया में आपकी प्राइवेसी आपके हाथ में है।




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