भारतीय रेलवे में डिब्बों पर रंगीन पट्टियों का मतलब
भारतीय रेलवे में डिब्बों पर रंगीन **पीली पट्टियाँ का मतलब
जानिए
जानिए
भारतीय रेलवे में डिब्बों के ऊपर या दरवाजे के किनारे तरह-तरह की रंगीन पट्टियां बनायी जाती हैं, जिनका एक विशेष और उपयोगी अर्थ होता है
रंगीन पट्टियों का अर्थ
सफेद पट्टी
सफेद पट्टियाँ आमतौर पर नीले कोच (ICF कोच) की Catch खिड़की के ऊपर होती हैं, जो यह दर्शाती हैं कि वह जनरल (अनारक्षित) कोच है
पीली पट्टी
पीली पट्टियाँ उन डिब्बों पर बनती हैं जो विकलांग या चिकित्सा सहायता वाले यात्रियों के लिए आरक्षित होती हैं
हरी पट्टी
हरी पट्टी ग्रे रंग के कोच पर होती है और ऐसे कोच केवल महिलाओं के लिए आरक्षित होते हैं, खासकर मुंबई के लोकल ट्रेनों में
लाल पट्टी
लाल पट्टी आमतौर पर ग्रे बैकग्राउंड वाले कोच पर बनती है और वह फर्स्ट क्लास डिब्बे को दर्शाती है, विशेषत: मुंबई लोकल/ईएमयू/मेमू ट्रेनों में
अन्य रंगीन कोच
नीले कोच अधिकतर मेल, एक्सप्रेस या सुपरफास्ट ट्रेनों में चलते हैं, जिनकी रफ्तार 70-140 किमी/घंटा तक होती है
लाल कोच : हाई-स्पीड AC ट्रेनों जैसे राजधानी, शताब्दी आदि में होते हैं
हरे कोच : गरीब रथ जैसी ट्रेनों में देखने को मिलते हैं
भूरे कोच : पुराने मीटर गेज ट्रेनों में प्रयुक्त होते थे
क्यों जरूरी हैं रंगीन पट्टियाँ?
- इन पट्टियों या रंगों से अनपढ़ या कम पढ़े-लिखे यात्रियों को भी अपनी सुविधा के अनुसार डिब्बा पहचानने में आसानी होती है।
- आरक्षित और अनारक्षित, महिला, विकलांग, या फर्स्ट क्लास डिब्बों की पहचान आसान हो जाती है
👉 जुड़ें और अपडेट पाएं:
🔗 WhatsApp Group
🔗 Telegram Channel
🔗 Facebook Page
🔗 हमारी वेबसाइट पर पूरी खबरें पढ़ें: Desh Darpan News
📩 हमें ईमेल करें: deshdarpannews1@gmail.com
📣 प्रिय अभिभावकगण,
क्या आप हमारे "स्कूल बैग हल्का करो - बचपन बचाओ" अभियान में हमारे साथ हैं?
अगर हां, तो कृपया नीचे दिए गए YES बटन पर क्लिक करें:
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें