भारत में बच्चों-युवाओं में मोटापे (Obesity) का बढ़ता खतरा — UNICEF की रिपोर्ट
📰 आज की महत्वपूर्ण खबर 📰 खबर 1. भारत में बच्चों-युवाओं में मोटापे (Obesity) का बढ़ता खतरा — UNICEF की रिपोर्ट
स्रोत: Economic Times / UNICEF Global Report
क्या कही गई रिपोर्ट में: भारतीय बच्चों और किशोरों में मोटापा अब कुपोषण आदि से भी ज़्यादा तेजी से problem बनता जा रहा है।
क्यों बढ़ा ये खतरा:
• खान-पान बदल गया है — ज़्यादातर तला-भुना, जंक फूड आदि अधिक हो गया है।
• शारीरिक गतिविधि कम हुई है – बच्चों-युवाओं में खेल-कूद, दौड़-भाग आदि कम।
लंबे समय में असर: मोटापा होने से डायबिटीज़, दिल-के रोग, उच्च रक्तचाप, मानसिक स्वास्थ्य की समस्या आदि हो सकती है।
सरकार और समाज से अपेक्षित कदम:
• स्कूलों में स्वास्थ्य शिक्षा और व्यायाम को बढ़ावा देना चाहिए।
• जंक-फूड की विज्ञापन-नियमों में कड़ाई होनी चाहिए।
• परिवारों को संतुलित भोजन और सक्रिय जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा देना होगा
📰 खबर 2. डॉलर के मुकाबले रुपया गिरा, महंगाई-और आयात-निर्यात को है असर
स्रोत: Reuters
क्या हुआ: भारत का रुपया डॉलर के मुकाबले एक नया निचला स्तर छू गया है — लगभग ₹88.44 प्रति डॉलर।
क्यों गिरा:
1. अमेरिका की ओर से नए टैरिफ (शुल्क) लगाने की वजह से भारतीय सामानों की निर्यात-मांग प्रभावित हो रही है।
2. विदेशी निवेश (Foreign investment) वापस निकलने लगा है, जिससे रुपया दबाव में है।
इसका असर आम लोगों पर:
आयातित सामान (जैसे मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक सामान, दवाइयाँ) महंगे हो सकते हैं।
इंधन-पेट्रोल, गैस इत्यादि की कीमतों पर असर पड़ सकता है क्योंकि ये भी काफी हद तक आयात पर निर्भर हैं।
महंगाई बढ़ने की आशंका है, खासकर वे चीजें जो विदेश से आती हैं या जिनका उत्पादन महंगा होता है।
अगला कदम: सरकार और रिज़र्व बैंक संभवत: रुपए के संरक्षण और आर्थिक नीतियों में बदलाव पर विचार करेंगे, ताकि मुद्रा गिरावट को संभाला जा सके। अर्थशास्त्री और निवेशक इस स्थिति को करीब से देख रहे हैं।
📰 खबर 3 .
उत्तर प्रदेश: 5.75 लाख शिक्षकों को ‘Kitab Vitran App’ के ज़रिए डिजिटल गाइड वितरित की गई
स्रोत: IndiaTimes
क्या हुआ: यूपी सरकार ने लगभग 5.75 लाख सरकारी शिक्षकों को हिन्दी और गणित की नई कक्षा-3 की गाइड पुस्तकें डिजिटल रूप में वितरित की हैं।
ये शिक्षण गाइड ‘Kitab Vitran App’ नाम के ऐप के माध्यम से पहुंचाई गई हैं।
क्यों जरूरी है:
• इससे किताबों के वितरण में देरी और हानि कम होगी।
• स्कूलों तक सही-सही समय पर संसाधन पहुंचेंगे, जिससे पढ़ाई-लिखाई में सुधार हो सकता है।
किसे लाभ होगा: बच्चे, शिक्षक और स्कूल इत्यादि — खासकर प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर।
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