मिर्जापुर: पराली जलाने पर होगा जुर्माना, अधिकारियों को सख्त निर्देश
मिर्जापुर: पराली जलाने पर होगा जुर्माना, अधिकारियों को सख्त निर्देश......
ग्रामीण विकास बैठक में उपस्थित अधिकारी व किसान
लालगंज में आयोजित ग्रामीण विकास बैठक में कई महत्वपूर्ण अधिकारी व किसान उपस्थित रहे। बैठक में उप जिलाधिकारी आशाराम वर्मा, उप जिलाधिकारी मड़िहान युगान्तर त्रिपाठी, सभी खंड विकास अधिकारी और किसान सुखनन्दन दूबे, श्याम लाल मौर्य, राम किशुन बिंद, फूलचंद मौर्य, अनिल कुमार मौर्य, धीरज मौर्य, त्रिवेणी प्रसाद पाण्डेय आदि उपस्थित थे। बैठक में ग्रामीण विकास के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई और आगे की रणनीतियों पर विचार-विमर्श हुआ।
मिर्जापुर कलेक्ट्रेट परिसर में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व शिव प्रताप शुक्ल की अध्यक्षता में पराली प्रबंधन को लेकर बैठक आयोजित की गई। बैठक में उप कृषि निदेशक विकास कुमार ने बताया कि धान की फसल पूरी तरह तैयार हो चुकी है और कटाई का कार्य प्रगति पर है। हालांकि, बड़ी संख्या में किसान फसल कटाई के बाद पराली को खेतों में जला देते हैं, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है।
अधिकारियों ने सख्त चेतावनी दी कि यदि किसी किसान को पराली जलाते हुए पाया गया, तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। निर्देश के अनुसार, 2 एकड़ तक पराली जलाने पर ₹5,000, 2 से 5 एकड़ तक पराली जलाने पर ₹10,000 और 5 एकड़ से अधिक पराली जलाने पर ₹30,000 का जुर्माना लगाया जाएगा। पुनरावृत्ति करने पर यह दंड राशि दोगुनी हो जाएगी।
जागरूकता अभियान तेज करने के निर्देश
अपर जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने क्षेत्रों में ग्राम प्रधानों और पंचायत सहायकों के माध्यम से पराली जलाने के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाएं। उन्होंने बताया कि जिले के लालगंज, हलिया, जमालपुर, नरायनपुर और राजगढ़ क्षेत्रों में पराली जलाने की घटनाएं अधिक होती हैं। इन इलाकों में ग्राम प्रधानों की मदद से सख्ती और जागरूकता के लिए विशेष कदम उठाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
कृषि निदेशक ने जोर दिया कि पराली जलाने से वायु प्रदूषण में वृद्धि होती है, जो स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए हानिकारक है। किसानों को पराली प्रबंधन के वैकल्पिक उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।
तहसील स्तर पर उड़न दस्तों का गठन: पराली जलाने पर सख्त निगरानी
किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। तहसील स्तर पर उड़न दस्तों का गठन किया गया है, जो पराली जलाने की घटनाओं पर निगरानी रखेंगे।
व्हाट्सएप समूहों से जुड़ेंगे किसान
अधिकारियों ने निर्देश दिया है कि ग्राम प्रधान और क्षेत्रीय लेखपाल किसी भी दशा में अपने क्षेत्र में पराली न जलाने दें। किसानों को व्हाट्सएप समूहों के माध्यम से पराली न जलाने की जानकारी दी जाएगी। अगर कहीं भी पराली जलाने की घटना सामने आती है, तो संबंधित किसान पर कार्रवाई की जाएगी।
जिला स्तरीय सेल का गठन
उप कृषि निदेशक ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर एक जिला स्तरीय सेल का गठन किया गया है। इसमें अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व), अपर पुलिस अधीक्षक (नक्सल), उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक और जिला पंचायत राज अधिकारी को सदस्य नामित किया गया है।
सजगता और संसाधन वितरण
उप कृषि निदेशक विकास कुमार ने बताया कि किसानों को पराली सड़ाने के लिए डी-कम्पोस्ट वितरित किया जाएगा। साथ ही, जिन किसानों के खेतों में हार्वेस्टर से कटाई हो रही है, उनके लिए रीपर, एसएमएस और बेलर लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
प्रशासन ने सभी खंड विकास अधिकारियों से कहा है कि वे शीघ्र ही अपने क्षेत्रों में किसानों को जागरूक करें और पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में उन्हें जानकारी दें।
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