भारत और पाकिस्तान ने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची साझा की
भारत और पाकिस्तान ने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची साझा की
भारत और पाकिस्तान ने बुधवार, 1 जनवरी को एक-दूसरे के साथ अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान किया। परमाणु प्रतिष्ठान वे स्थान हैं, जहां परमाणु हथियार या उससे संबंधित सामग्री रखी जाती है। यह आदान-प्रदान 1991 में हुए एक समझौते के तहत किया गया, जिसे "परमाणु हमले के निषेध का समझौता" कहा जाता है।
यह परंपरा हर वर्ष 1 जनवरी और 1 जुलाई को निभाई जाती है। इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली और आपसी पारदर्शिता बढ़ाना है। भारत और पाकिस्तान ने अपने-अपने राजनयिक चैनलों, नई दिल्ली और इस्लामाबाद से, इस सूची को साझा किया।
यह कदम दोनों देशों के बीच स्थिरता और शांति बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
भारत और पाकिस्तान ने एक समझौता किया है, जिसके तहत दोनों देश हर साल 1 जनवरी को एक-दूसरे को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची देते हैं। इसके अलावा, वे कैदियों और मछुआरों के बारे में भी जानकारी साझा करते हैं।
यह समझौता 31 दिसंबर 1988 को हुआ था। इसमें दोनों देशों ने यह भी वादा किया था कि वे एक-दूसरे के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला नहीं करेंगे। यह समझौता 27 जनवरी 1991 से लागू हुआ।
इस साल 1 जनवरी को दोनों देशों ने 34वीं बार इस सूची को साझा किया।
भारत और पाकिस्तान के पास कितने परमाणु हथियार हैं?
इसका कोई सटीक आंकड़ा नहीं है। लेकिन, स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक, जून 2024 तक भारत के पास 172 परमाणु हथियार थे। पाकिस्तान के पास भी लगभग इतने ही परमाणु हथियार हैं।
भारत ने 381 पाकिस्तानी कैदियों और 81 मछुआरों की सूची पाकिस्तान को दी है। इसके बदले में, पाकिस्तान ने 49 भारतीय कैदियों और 217 मछुआरों की सूची भारत को दी है।
भारत ने पाकिस्तान से उन 183 भारतीय कैदियों और मछुआरों को रिहा करने की मांग की है, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है। साथ ही, भारत ने पाकिस्तान से 18 भारतीय नागरिकों और मछुआरों को कांसुलर एक्सेस देने का आग्रह किया है, जिन्हें अभी तक यह सुविधा नहीं मिली है। भारत ने पाकिस्तान में मौजूद सभी भारतीय कैदियों और मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी अपील की है।
भारत ने पाकिस्तान से 76 पाकिस्तानी कैदियों और मछुआरों की नागरिकता की पुष्टि की प्रक्रिया तेज करने को कहा है। 2014 से अब तक, पाकिस्तान से 2,639 भारतीय मछुआरे और 71 भारतीय नागरिक कैदियों को रिहा किया जा चुका है। इनमें से 2023 से अब तक 478 मछुआरे और 13 नागरिक कैदी रिहा किए गए हैं।
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