आगरा में नकली देसी घी बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ी गई


आगरा में नकली देसी घी बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ी गई


आगरा में एक ऐसी फैक्ट्री पकड़ी गई है जहां नकली देसी घी बनाया जाता था। इस फैक्ट्री में पतंजलि और अमूल जैसे बड़े ब्रांडों के नाम का स्टिकर लगाकर घी की पैकिंग की जाती थी। इसके बाद इस नकली घी को उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में भी बेचा जाता था।

नकली घी बनाने में हानिकारक चीज़ों का इस्तेमाल किया जाता था।

इस फैक्ट्री में नकली घी बनाने के लिए यूरिया, पाम ऑयल और परफ्यूम जैसी चीज़ों का इस्तेमाल किया जाता था, जो सेहत के लिए हानिकारक हैं। पुलिस ने फैक्ट्री से लगभग 2500 किलो रॉ मटेरियल और नकली घी बरामद किया है। खाद्य विभाग की टीम भी मौके पर है और डिब्बों के सैंपल ले रही है। कई बड़ी कंपनियों के नाम के स्टिकर भी मिले हैं। यह मामला ताजगंज थाना क्षेत्र का है।
पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने फैक्ट्री में काम करने वाले मैनेजर समेत 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उनके मोबाइल भी जब्त कर लिए हैं। पुलिस अब जांच कर रही है कि कंपनी का कितने करोड़ रुपये का कारोबार था और हर महीने कितना नकली घी बेचा जाता था।

एक कारीगर ने बताया कि नकली घी बनाने के लिए हानिकारक चीज़ों का इस्तेमाल किया जाता था।
पकड़े गए एक कारीगर ने बताया कि नकली घी बनाने के लिए वनस्पति घी, पाम ऑयल, एसेंस और यूरिया मिलाया जाता था। इन सभी को मिलाकर एक बड़े बर्तन में उबाला जाता था। फिर इसे 15 लीटर की टीनों में भर दिया जाता था। जब किसी का ऑर्डर आता था, तो उसी के हिसाब से इन टीनों पर लेबल चिपका दिए जाते थे।

नकली घी बनाने में बहुत कम लागत आती थी, लेकिन इसे बहुत महंगे दामों पर बेचा जाता था।
जो नकली घी पकड़ा गया है, उसे बनाने में करीब 175 रुपये की लागत आती थी। लेकिन इसे बाजार में 650 रुपये तक में बेचा जाता था। इस समय बाजार में पतंजलि घी 665 रुपये किलो मिल रहा है। जबकि यहां पर इस नकली घी को आधे से भी कम कीमत में बनाया जा रहा था।
ताजगंज क्षेत्र में बड़े स्तर पर नकली घी बनाया जा रहा था।
ताजगंज क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नकली घी बनाया जा रहा था, लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग (एफएसडीए) और पुलिस को इसकी जानकारी नहीं थी। लगभग 1 साल से यहां पर 18 अलग-अलग ब्रांडों के नाम से नकली घी बनाकर उत्तर भारत के अलग-अलग राज्यों में भेजा जा रहा था।
 इस फैक्ट्री में तीन गोदाम मिले हैं। पहले गोदाम में नकली घी बनाया जाता था, दूसरे में कच्चा माल रखा जाता था और तीसरे में बना हुआ नकली घी रखा जाता था। यहीं से इसे सप्लाई किया जाता था।
पुलिस ने फैक्ट्री मालिक को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने फैक्ट्री मालिक नीरज अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है। इस फैक्ट्री का नाम श्याम एग्रो है। मालिक ने खुद के एक ब्रांड का भी रजिस्ट्रेशन करा रखा है। पुलिस को फैक्ट्री से रिफाइंड, पाम ऑयल, वनस्पति तेल, यूरिया और घी का एसेंस मिला है। आरोपी नकली घी बनाने में इनका इस्तेमाल करते थे।
पुलिस ने एक ट्रक को पकड़ने के लिए टीम भेजी है।
गुरुवार को फैक्ट्री से एक ब्रांड के नाम पर तैयार 50 टीन नकली घी एक ट्रक से मेरठ भेजा गया था। पुलिस को इसकी जानकारी मिलते ही एक टीम ट्रक को पकड़ने के लिए निकल गई।
पुलिस को पता चला है कि नकली घी कहां-कहां भेजा जाता था।
पुलिस को फैक्ट्री से कई दस्तावेज मिले हैं। इनमें फैक्ट्री का हिसाब-किताब भी है। साथ ही एक डायरी भी मिली है। इसमें उन शहरों के नाम लिखे हैं जहां-जहां नकली घी भेजा जाता था। इन शहरों में मेरठ, जयपुर, प्रयागराज, वाराणसी, हरियाणा का सिरसा, लखीमपुर, पूर्णिया बिहार, आगरा, गाजीपुर, बिजनौर का नजीबाबाद, रुद्रपुर, जम्मू और पारसपुर शामिल हैं।

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