ट्रेन की चेन खींचना कब है जायज़? जानिए नियम और उल्लंघन पर सज़ा


ट्रेन की चेन खींचना कब है जायज़? जानिए नियम और उल्लंघन पर सज़ा
भारतीय रेलवे में सफर करते समय आपने कई बार ट्रेन की चेन खींचे जाने की घटनाएं देखी या सुनी होंगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ट्रेन की चेन खींचना एक गंभीर मामला है और इसके लिए कड़ी सज़ा भी हो सकती है? चलिए जानते हैं इससे जुड़े नियम, किन परिस्थितियों में चेन खींचना वैध है और इसका दुरुपयोग करने पर क्या हो सकती है सज़ा।

रेलवे कानून के अनुसार, कुछ विशेष परिस्थितियों में ही यात्री ट्रेन की चेन खींच सकते हैं।                                             ये परिस्थितियाँ हैं:

मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में

ट्रेन में आग लगने पर

विकलांग, वृद्ध या अन्य विशेष सहायता वाले व्यक्ति के साथ यात्रा करने पर

डकैती या चोरी की घटना होने पर

किसी यात्री के चलते ट्रेन से गिर जाने पर

बच्चा, बुज़ुर्ग या दिव्यांग व्यक्ति के चढ़ने से ट्रेन छूटने जैसी आपात स्थिति में


इन सभी स्थितियों में चेन खींचना वैध माना जाता है और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसे जरूरी कदम माना जाता है।

क्या है सज़ा अगर नियमों का उल्लंघन हो?
अगर कोई व्यक्ति बिना वैध कारण के चेन खींचता है तो यह रेलवे अधिनियम की धारा 141 के तहत अपराध माना जाता है। ऐसे में दोषी व्यक्ति को ₹1,000 तक का जुर्माना या 1 वर्ष तक की जेल हो सकती है।

निष्कर्ष:
ट्रेन की चेन खींचना एक सुरक्षा सुविधा है जिसका उपयोग केवल विशेष आपातकालीन परिस्थितियों में ही किया जाना चाहिए। इसका दुरुपयोग करना न केवल अन्य यात्रियों को असुविधा में डालता है, बल्कि इससे कानूनी कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है। इसलिए जागरूक बनें और केवल ज़रूरत पड़ने पर ही इस सुविधा का प्रयोग करें।




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