ब्रिटेन में मेयर बना मिर्जापुर यूपी के किसान का बेटा: मिर्जापुर के गांव से लंदन तक का अद्भुत सफर



ब्रिटेन में मेयर बना मिर्जापुर  यूपी के किसान का बेटा: मिर्जापुर के गांव से लंदन तक का अद्भुत सफर

जब कोई कहता है कि सपने सिर्फ बड़े शहरों में जन्म लेते हैं, तो उन्हें मिर्जापुर के भाटेवाड़ा गांव की कहानी जरूर सुनानी चाहिए—जहाँ एक साधारण किसान के घर जन्मा बेटा, आज ब्रिटेन की राजनीति में इतिहास रच चुका है।

राजकुमार मिश्रा, एक ऐसा नाम जो अब सिर्फ मिर्जापुर या उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रहा। ब्रिटेन के वेलिंगबोरो शहर में हुए मेयर चुनाव में भारी मतों से जीत दर्ज कर, राजकुमार ने अपने गांव, राज्य और देश का नाम रोशन कर दिया है।

गांव की गलियों से वैश्विक राजनीति तक

राजकुमार की कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है। मिर्जापुर के एक छोटे से गांव भाटेवाड़ा में जन्मे राजकुमार ने शुरुआती पढ़ाई के बाद चंडीगढ़ से बीटेक किया। फिर एमटेक की पढ़ाई के लिए उन्होंने लंदन का रुख किया। विदेश में पढ़ाई करना ही एक बड़ा कदम था, लेकिन वहां बस जाना और नौकरी करना सिर्फ शुरुआत थी।

समर्पण और सेवा की भावना ने दिल जीत लिया

लंदन में काम करते हुए राजकुमार ने महसूस किया कि प्रवासी भारतीयों और स्थानीय समुदाय के बीच संवाद और सहयोग की बड़ी ज़रूरत है। उन्होंने स्थानीय सामाजिक गतिविधियों में भाग लेना शुरू किया और बहुत कम समय में समुदाय के लिए एक भरोसेमंद चेहरा बन गए।

उनकी निष्ठा, सेवा की भावना और सादगी ने लोगों का दिल जीत लिया। उन्होंने ब्रिटेन की लेबर पार्टी से जुड़कर राजनीति में कदम रखा और वेलिंगबोरो शहर के मेयर पद का चुनाव लड़ा।

एक ऐतिहासिक जीत और शपथ

राजकुमार ने न केवल चुनाव जीता, बल्कि अपनी सादगी और स्पष्ट दृष्टिकोण से लोगों का दिल भी जीत लिया। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान उनकी आंखों में गर्व और विनम्रता साफ झलक रही थी।

गांव में जश्न का माहौल

जैसे ही यह खबर उनके गांव भाटेवाड़ा पहुंची, पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। लोगों ने ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाया, मिठाइयां बांटी और गर्व से कहा—"ये हमारे गांव का बेटा है!"

उनके माता-पिता ने नम आंखों से कहा—“राजकुमार ने कभी हार नहीं मानी। आज वो जहां पहुंचा है, वो उसकी मेहनत और संस्कारों का नतीजा है।”


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अंत में एक संदेश:

राजकुमार मिश्रा की यह यात्रा हम सबको यह सिखाती है कि जड़ें चाहे जितनी भी ग्रामीण हों, सपनों की ऊंचाई आसमान को छू सकती है। मेहनत, शिक्षा और सेवा की भावना हो तो दुनिया का कोई कोना दूर नहीं।

यह कहानी सिर्फ राजकुमार की नहीं है, यह हर उस युवा की है जो बदलना चाहता है—खुद को, अपने समाज को और इस दुनिया को।




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