रेस्टोरेंट में खाना खाने के बाद बाउल में गुनगुना पानी और नींबूक्यों दिया जाता है?



रेस्टोरेंट में खाना खाने के बाद बाउल में गुनगुना पानी और नींबू क्यों दिया जाता है? जानिए इसके पीछे की वैज्ञानिक वजह और शिष्टाचार नियम

रेस्टोरेंट में जब आप खाना खा लेते हैं, खासकर भारतीय भोजन जिसमें हाथों से खाने की परंपरा है, तो आपको अक्सर एक छोटे बाउल में गुनगुना पानी और नींबू का टुकड़ा दिया जाता है। यह सिर्फ एक रिवाज नहीं, बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक और शिष्टाचार (Dining Etiquette) दोनों दृष्टिकोण से बेहद खास कारण छिपे होते हैं।

गुनगुना पानी और नींबू दोनों में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो हाथों पर जमे कीटाणुओं और खाने की दुर्गंध को प्रभावी ढंग से दूर करने में मदद करते हैं। नींबू में मौजूद साइट्रिक एसिड त्वचा की ऊपरी सतह से गंदगी और चिकनाई को हटाने में सक्षम होता है। वहीं गुनगुना पानी त्वचा के रोमछिद्रों को खोलकर अंदर तक सफाई करने में मदद करता है।

स्वच्छता के अलावा, डाइनिंग एटीकेट्स (Dining Etiquette) यानी भोजन संबंधी शिष्टाचार के अनुसार भी इस प्रक्रिया को बड़े सम्मान और तरीके से किया जाना चाहिए। इस बाउल को ‘फिंगर बाउल’ कहा जाता है और इसका प्रयोग केवल उंगलियों को हल्का डुबोकर साफ करने के लिए किया जाता है। ना ही इसमें नींबू को निचोड़ा जाता है और ना ही पूरा हाथ डाला जाता है। केवल उंगलियों को धीरे से डुबोकर पोंछ लेना ही उचित माना जाता है।

यह छोटी सी आदत न सिर्फ आपकी व्यक्तिगत स्वच्छता दर्शाती है बल्कि रेस्टोरेंट में आपके सलीके और सभ्यता का भी प्रतीक मानी जाती है। ऐसे शिष्टाचार नियम आपके सामाजिक व्यवहार को और भी निखारते हैं और आपके व्यक्तित्व में परिष्कार लाते हैं।

अगली बार जब आप रेस्टोरेंट में गुनगुने पानी और नींबू से भरा फिंगर बाउल देखें, तो जानिए यह सिर्फ एक साधारण परंपरा नहीं बल्कि एक वैज्ञानिक व संस्कारी परंपरा है, जो स्वच्छता और सलीके का अद्भुत मेल है।





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