डीजीसीए का ऐतिहासिक फैसला: अब आर्ट्स और कॉमर्स स्ट्रीम के छात्र भी बन सकेंगे पायलट
नई दिल्ली।
भारतीय नागरिक उड्डयन क्षेत्र में एक ऐतिहासिक बदलाव हुआ है। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अब आर्ट्स और कॉमर्स स्ट्रीम से 12वीं पास छात्रों को भी कमर्शियल पायलट बनने की अनुमति दे दी है। यह निर्णय उन लाखों छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आया है जो विज्ञान (Science) की पढ़ाई न करने के कारण पायलट बनने के अपने सपनों को अधूरा मानते थे।
अब तक केवल विज्ञान संकाय के छात्रों को ही कमर्शियल पायलट ट्रेनिंग के लिए पात्र माना जाता था। लेकिन DGCA ने कमर्शियल पायलट ट्रेनिंग की योग्यता मानदंडों में परिवर्तन करते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि अब किसी भी स्ट्रीम के छात्र – चाहे वह आर्ट्स हो या कॉमर्स – 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद कमर्शियल पायलट लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकेंगे।
इस प्रस्ताव को पहले DGCA ने मंजूरी दी है और अब इसे अंतिम अनुमोदन हेतु उड्डयन मंत्रालय के पास भेजा गया है। जैसे ही मंत्रालय की ओर से हरी झंडी मिलती है, यह नया नियम कानून का रूप ले लेगा और पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला न केवल शिक्षा के क्षेत्र में समावेशिता को बढ़ावा देगा, बल्कि एविएशन इंडस्ट्री को भी और अधिक विविध और समर्पित प्रतिभाओं से लाभ होगा। यह कदम उन ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर तबकों से आने वाले छात्रों को भी पायलट बनने की राह में बराबरी का मौका देगा जो अब तक विज्ञान संकाय न होने के कारण इस करियर से वंचित रह जाते थे।
निष्कर्ष:
DGCA का यह निर्णय भारतीय उड्डयन क्षेत्र के लिए एक क्रांतिकारी पहल है। यह बदलाव न केवल करियर के नए रास्ते खोलेगा, बल्कि छात्रों को उनके सपनों को साकार करने का वास्तविक अवसर भी देगा। अब हर छात्र के लिए खुले हैं आसमान की ऊंचाइयां छूने के रास्ते – चाहे वह किसी भी स्ट्रीम से क्यों न हो।
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